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Banaras।पूर्वांचल में बनास डेरी सर्कुलर इकोनॉमी से लाएगी सस्टेनेबिलिटी, बनास डेरी कृषि उत्पादन के साथ सस्टेनेबिलीटी की ओर सर्कुलर इकोनॉमी के लिए कार्यरत


वाराणसी।देश के प्रधानमंत्री किसानो की आय दो गुना करने के लिए प्रयत्नशील है। उनके इस संकल्प को पूरा करने के लिए बनास डेरी बहुआयामी प्रयास कर रही है। किसान को न केवल दूध के पैसे मिलें बल्कि किसान के खेत में उपज होनेवाली हर चीज का वेल्युएडिशन करके उसको अधिक पैसे मिल सके उसके लिए प्रयास कर रही है। दूध उत्पादक और किसान ना सिर्फ हमें दूध और कृषि उत्पाद बेचता है बल्कि हमारे द्वारा निर्मित विभिन्न दूध और कृषि के प्रोसेसिंग से उत्पन्न होने वाले मूल्य-वर्धित उत्पादों और सेवाओं का ग्राहक भी है। यह सर्कुलर इकोनॉमी का एक अच्छा उदाहरण है। यह सहकार की शक्ति है कि हमें अपने उत्पादों की बिक्री के लिए अपने किसान बंधुओं तक ही जाना होता है जिन्हें उनके खुद की संस्था से आने वाले उत्पादों की गुणवत्ता और कीमत पर पहले से ही भरोसा होता है। बनास डेरी सस्टेनेबिलीटी के लिये सर्कुलर इकोनॉमी पर काम करने के लिए समर्पित है। इस दिशा में बनास डेरी ने निम्नानुसार कार्य प्रारंभ किये  हैं।

• बनास डेरी दूध उत्पादकों और किसानों से कच्चे माल जैसे दूध, शहद, कृषि उत्पाद, गाय का गोबर आदि खरीदती है।
• बनास डेरी दूध उत्पादकों और किसानों को पनीर, आइसक्रीम, गेहूं का आटा, पशु चारा, जैविक उर्वरक जैसे मूल्य वर्धित उत्पाद बेचती है।

• वृक्षारोपण, मिट्टी संरक्षण (Save Soil), जल संरक्षण, बनास Bio-CNG, कार्बन न्यूट्रैलिटी, आदि जैसे सस्टेनेबिलीटी से सर्कुलर इकोनॉमी तक ले जाने वाले कार्य करती है।
• बनास डेरी दूध उत्पादकों और किसानों को पशु चिकित्सा, शिक्षा, अस्पताल, ग्रामीण स्तर पर रिटेल स्टोर (Umang Mall) और अन्य सेवाएं प्रदान करती है।

बनास काशी संकुल से पूर्वांचल में सर्कुलर इकोनॉमी से सस्टेनेबिलीटी की तरफ का प्रयास एक नया सूर्योदय है। गुजरात के किसान आज सर्कुलर इकोनॉमी से समृद्ध हुए हैं। प्रधानमंत्रीजी ने पूर्वांचल के किसानों के लिए बनास जैसे सस्टेनेबिलीटी के समेकित प्रयासों  को अमल में लाने के लिए ही गुजरात के इस मॉडल को पूर्वांचल में कार्यान्वित किया है। बनारस से बनास तक का ये सफर पूर्वांचल में किसान के लिए सहकार के माध्यम से उनके जीवन में कृषि तथा गोबर्धन के लाभ पहुंचाएगा। जैसे गुजरात का किसान आत्मनिर्भर बना है वैसे ही अब पूर्वांचल में भी सर्कुलर इकोनॉमी किसान को समृध्ध बनाएगी।


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