बृजेश मिश्रा को अर्जुन यादव हत्याकांड में क्लीन चिट मिलने पर माहुल में हुआ जोरदार स्वागत
माहुल(आज़मगढ़) डीआईजी आज़मगढ़ सुभाष चंद्र दुबे द्वारा कराई गई जांच में पवई के भाजपा नेता व क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्जुन यादव हत्याकांड में गिरफ्तार बृजेश मिश्रा को क्लीन चिट मिलने के बाद मंगलवार देर शाम जनपद कारागार आज़मगढ़ से उनकी रिहाई हुई।बुधवार को जैसे ही वे रिहा होकर क्षेत्र में पहुचे माहुल बाजार से लेकर मित्तूपुर तक जगह जगह बृजेश मिश्रा का जोरदार स्वागत किया गया।यही नही इस जांच ने पवई के थानाध्यक्ष व वहां की पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है।
ज्ञात हो कि 3 अक्टूबर 2020 को रात्रि 8 बजे पवई के भाजपा मंडल उपाध्यक्ष व क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्जुन यादव की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।अर्जुन यादव फूलपुर पवई के भाजपा विधायक अरुण कांत यादव के करीबी भी थे।यह मामला शासन तक पहुँचा था और लालगंज भाजपा के जिला महामंत्री सूरज प्रकाश श्रीवास्तव ने शासन से एसआईटी जांच की मांग भी की थी।पवई की पुलिस हत्यारो को पकड़ने में नाकाम रही थी व पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने पवई के तत्कालीन थानाध्यक्ष संजय कुमार को लाइन हाजिर करते हुए पवई थाने का चार्ज अयोध्या तिवारी को दिया था।अयोध्या तिवारी ने चार्ज मिलने के चार दिन बाद 17 नवंबर 2020 को पवई थाना क्षेत्र के रामपुर खालिस निवासी बृजेश मिश्र उर्फ विकेश मिश्रा पुत्र चिंतामणि मिश्रा को अर्जुन यादव की हत्या करने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया था।जब कि जिस समय अर्जुन यादव की हत्या हुई बृजेश अपनी बेटी का जन्म दिन मना रहे थे।बृजेश मिश्रा की गिरफ्तारी की सूचना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी उसके बाद बृजेश मिश्रा की पत्नी रेनू मिश्रा ने डीआईजी आज़मगढ़ सुबास चंद्र दुबे से मिल कर पति को निर्दोष बताते हुए जांच की मांग की थी।तथा न्याय न मिलने पर आत्मदाह की चेतावनी दी थी।रेनू मिश्रा द्वारा दिये गए पत्र को गंभीरता से संज्ञान में लेकर सुबास चंद्र दुबे ने 21 नवंबर 2020 को इस हत्याकांड व गिरफ्तारी की जांच का आदेश दिया था।तथा मऊ जनपद के मधुबन के क्षेत्राधिकारी राजकुमार सिंह को जांच सौंपी थी।करीब ढाई माह तक चली जांच में क्षेत्राधिकारी मधुबन राजकुमार सिंह ने मृत अर्जुन यादव के परिजनों के साथ ही साथ पवई क्षेत्र के तमाम संभ्रांत प्रतिनिधियों के बयान लिये और 12 फरवरी 2021 को जांच प्रक्रिया पूरी कर गिरफ्तार बृजेश मिश्रा को निर्दोष करार देते हुए जांच रिपोर्ट डीआइजी को सौपने के साथ ही साथ जांच की पत्रावली मुख्य दंडाधिकारी आज़मगढ़(सीजेएम)को सौंपी और भारतीय दंड संहिता की धारा 169 के तहत बृजेश मिश्रा को निर्दोष मानते हुए रिहा करने की गुजारिश किया।पत्रावली के अवलोकन के बाद 23 फरवरी 2021 को सीजीएम ने 20 हजार का निजी मुचलका भरवा कर बृजेश को निर्दोष मानते हुए रिहा करने का आदेश जारी किया।और देर शाम जनपद कारागार आज़मगढ़ से बृजेश 3 माह 6 दिन बिताने के बाद बाहर आये।
बुधवार को जैसे ही वे क्षेत्र में आये माहुल,रामापुर,चकिया पवई, मिल्कीपुर मित्तूपुर आदि बाजारों में उनका जोरदार स्वागत किया गया।गाड़ियों की लंबी कतार उनके पीछे लग गई लोगो ने उन्हें फूल माला से लाद दिया।
रिहा होने के बाद बृजेश मिश्रा ने डीआईजी आज़मगढ़ सुबास चंद्र दुबे सहित क्षेत्र की जनता के प्रति आभार प्रगट किया और कहा कि सच के पवई थानाध्यक्ष अयोध्या तिवारी का झूठ बेनकाब हुआ है उन्होंने शासन प्रशासन से अयोध्या तिवारी पर कार्यवाही की मांग की है।
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