सक्रिय मोड़ में वादे, चुनावी परीक्षा के लिए, योगी सरकार ने की...
योगी सरकार ने सोमवार को मौजूदा कार्यकाल का अंतिम और पहला पेपरलेस बजट पेश किया। 5.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का यह बजट 2022 के विधानसभा चुनावों में विपक्ष के वायरस अटैक पर एंटी वायरस का काम करे, इसके लिए बजट के फोकस में किसान, युवा, महिलाओं के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को रखा गया है।बजट के जरिए सरकार की पूरी कोशिश है कि जिन पुरानी योजनाओं को सरकार ने शुरू किया था उन परियोजनाओं को 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले जमीन पर उतार दिया जाए। यही वजह है कि 5.50 लाख करोड़ रुपये के इस बजट में 27,598.40 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शुरू की गई हैं।
चुनावी साल देखते हुए बजट में किसानों, युवाओं और श्रमिकों कुछ नई योजनाएं भी शुरू की गई हैं। यूपी में बढ़ते युवा वोटरों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के पात्र छात्र-छात्राओं को टैबलेट दिए जाने का ऐलान किया है। साथ ही 12 जिलों में मॉडल कैरियर सेंटर बनाए जाएंगे। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की अवधारणा के चार स्तंभ होंगे- अवस्थापना विकास, जनस्वास्थ्य, मानव संपदा, सामाजिक-सांस्कृतिक विकास और कृषि एवं संबद्ध क्रियाकलापों का विकास।
योगी ने दी वित्त मंत्री को बधाई
विधानसभा में सोमवार सुबह 11 बजे वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने यूपी के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा 5,50,270 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट भाषण के बाद प्रेस कांफ्रेंस में सीएम योगी आदित्यनाथ ने वित्त मंत्री को बधाई देते हुए कहा कि यह समग्र और समावेशी बजट है। कोरोना के बाद पेश हुए इस बजट में सरकार के सामने राजस्व वसूली बढ़ाने की एक बड़ी चुनौती थी। बजट सरकार की पूरी कोशिश रही कि इस बजट के माध्यम से हर सेक्टर को कुछ न कुछ दिया जाए। यह करने में सरकार काफी हद तक सफल भी रही है।।
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