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ब्लैक फंगस से एक की मौत /कोरोना के बाद ब्लैकफंगस का हमला ,वाराणसी/लखनऊ


  वाराणसी: महिला का आधा चेहरा निकालकर बचाई जान
वाराणसी। कोरोना की दूसरी लहर में पैदा हुई नई समस्या ब्लैक फंगस यानी मयूकरमाइकोसिस का प्रकोप वाराणसी समेत पूरे पूर्वांचल पर दिखने लगा है। बीएचयू के ईएनटी विभाग में इस इंफेक्शन से पीड़ित तनीमा की सर्जरी की गई। 6 घंटे तक चली इस सर्जरी में महिला का आधा चेहरा निकाल कर उसे बचाया गया। यह पहला मामला है, जब किसी मरीज का आधा चेहरा डॉक्टरों को निकालना पड़ा हो। महिला का जबड़े समेत आधे चेहरे को निकालकर उसकी जान बचाई गई। इससे पहले बीएचयू में तीन और मरीजों को भी ब्लैक फंगस की शिकायत मिली थी लेकिन उन्हें सिर्फ नाक के ऑपरेशन के जरिए ही बचाया जा सका।
तनिमा का ऑपरेशन करने वाले सर्जन डा.एसके अग्रवाल ने बताया कि संक्रमण इतना ज्यादा था कि जान बचाने के लिए आंख के साथ बाईं तरफ का जबड़ा, नाक का बायां हिस्सा और गाल की एक हड्डी भी निकालनी पड़ी। उन्होंने बताया कि गत मंगलवार शाम तनिमा की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने से उनका ऑपरेशन कोरोना ओटी में किया गया। तनिमा के ब्लैक फंगस से संक्रमित होने की आशंका मुढ़ैला स्थित एक निजी अस्पताल में कोविड के उपचार के दौरान जाहिर की गई थी। उसके बाद उसे बीएचयू रेफर कर दिया गया। तत्काल बीएचयू में एडमिट न करा पाने की स्थिति में उसे सुंदरपुर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां नेत्र विशेषज्ञ ने ब्लैक फंगस से संक्रमित होने की पुष्टि की थी। बीते सोमवार को आंख का ऑपरेशन होना था लेकिन अंतिम क्षणों में चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए।
आनन-फानन में तनिमा के पति अजय मित्रा ने बीएचयू के ईएनटी विभाग के डाक्टरों से संपर्क करके उसे वहां भर्ती कराया। जहां जान बचाने के लिए बाईं आंख निकालनी पड़ी। उसकी दाईं आंख में भी सूजन है। विजन भी क्लीयर नहीं है। बीएचयू में फिर से की गई कोविड जांच में तनिमा दोबारा पॉजिटिव पाई गई जबकि निजी अस्पताल में उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव बताई गई थी। दोबारा पॉजिटिव पाए जाने पर ऑपरेशन के बाद उसे कोविड वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।
अजय मित्रा ने अपने एक शुभचिंतक को बताया कि डाक्टर का कहना है कि उपचार में काफी समय लगेगा। जैसी ही तनिमा की कोविड रिपोर्ट निगेटिव आएगी उसे ईएनटी वार्ड में शिफ्ट कर आगे का उपचार शुरू होगा। अजय मित्रा ने कहा कि दोनों निजी अस्पतालों ने अपने फायदे के लिए समय पर रोगी के बारे में सही जानकारी नहीं दी जिससे मेरी पत्नी की जान पर आ बनी। उन्होंने यहां तक कहा कि वह पत्नी के ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं इसके बाद वह दोनों निजी अस्पतालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएंगे।
ब्लैक फंगस बनारस में तेजी से फैल रहा है। बीएचयू के ईएनटी विभाग के सर्जन डॉ. एसके अग्रवाल ने बताया कि उनकी जानकारी में अब तक करीब बीस मामले आ चुके हैं। इनमें से तीन रोगी अब भी इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हैं। उनकी कोरोना रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। 15 ऐसे रोगी हैं जो फोन पर मेरे संपर्क में हैं। उनका संक्रमण अधिक बढ़ने से पहले ही उपचार शुरू किया जा चुका है। डॉ. अग्रवाल का कहना है कि पूरे उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस के सौ से अधिक मामले अब तक दर्ज किए जा चुके हैं। वहीराजधानी लखनऊ में ब्लैक फंगस से पहली मौत-

लोहिया संस्थान में मिला था महिला में संक्रमण।

आंख, नाक के पास सूजन के बाद भर्ती हुई थी।

ब्लैक फंगस इंफेक्शन के चलते महिला की मौत।

महिला कुछ दिन पहले ही कोरोना से ठीक हुई थी।

यूपी में अबतक ब्लैक फंगस से 3 लोगों की मौत।


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