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UMESH PAL MURDER CASE: बंद कमरे में साजिश, फिर हत्या को दिया अंजाम, जानें उमेश पाल हत्याकांड में अब तक क्या-क्या हुआ

UMESH PAL MURDER CASE:प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में यूपी पुलिस एक्शन मोड में नजर आ रही है। जैसे-जैसे मामले में जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे नए-नए खुलासे हो रहे है।  पुलिस पूछताछ में पता चला है कि शूटर पहले साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद से मिले फिर उसके भाई अशरफ से बरेली जेल में मिले। हत्या के लिए कुल सात शूटर शामिल थे। साजिश में साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद और बरेली जेल में बंद अशरफ भी व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से शामिल हुए थे।
इस बीच अहमदाबाद जेल में बंद गैंगस्टर अतीक अहमद ने संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। उमेशपाल हत्याकांड के बाद कार्रवाई और भाजपा नेताओं के आक्रामक बयान के बीच अतीक अहमद का कदम सामने आया है। अतीक ने मांग की है कि उसे गुजरात से किसी दूसरे जेल में न भेजा जाए।
अतीक के करीबियों पर एक्शन
उमेश पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद के करीबियों पर आज से एक्शन शुरू हो गया है। प्रयागराज में अतीक अहमद के करीबी बिल्डर खालिद जफर के घर पर बुलडोजर चल रहा है। अतीक अहमद के घर के बगल में रहने वाले बिल्डर खालिद जफर की अवैध संपत्ति पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण का बुलडोजर चल रहा है। इस दौरान खालिद जफर के घर से दो विदेशी बंदूक और एक तलवार बरामद हुई है।
सदाकत की चैटिंग में बड़ा खुलासा
उमेश पाल हत्याकांड में मुख्य साजिशकर्ता सदाकत खान के मोबाइल को चेक किया गया तो व्हाट्सएप पर अतीक के चौथे नंबर के बेटे से उसकी लगातार चैटिंग हुई है। कुछ चैटिंग डिलीट कर दी गई। इसके अलावा कई व्हाट्सएप आडियो और वीडियो कॉल भी डिलीट किए गए थे। अब इन डिलीटेड कॉल के बारे में जानकारी हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
13 शूटरों ने दिया हत्या को अंजाम
उमेश पाल की हत्या में कुल 13 शूटर शामिल थे। सोमवार को एक और शूटर साबिर की पहचान की गई। रायफल से गोलियां दागता साबिर सीसीटीवी फुटेज में देखा गया है। पुलिस ने अब उसकी खोजबीन शुरू कर दी है। उसकी तलाश में एसओजी और एसटीएफ की टीमों ने कई जगह दबिश दी। धूमनगंज शूटआउट में पुलिस ने सुलेम सराय, धूमनगंज और जयंतीपुर इलाके के कई सीसीटीवी फुटेज चेक करने के बाद नौ अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया था।
इसके अलावा अतीक के बेटे असद, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और अरमान की पहचान की गई थी। इसी कारण इन लोगों को नामजद किया गया था। दरअसल शूटरों के साथ अन्य लोग आस पास ही उन्हें बैकअप दे रहे थे। उन्हें मालूम था कि धूमनगंज भीड़भाड़ वाला इलाका है।
अतीक अहमद पर लगे उमेश पाल की हत्या के आरोप
बता दें कि पिछले शुक्रवार को राजू पाल की हत्या के गवाह की प्रयागराज में उन्हीं के घर के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पांच लोगों द्वारा की गई गोलीबारी में उनके सुरक्षा गार्ड की भी मौत हो गई थी। यूपी पुलिस के मुताबिक, हत्या की साजिश गैंगस्टर से नेता बने और समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अतीक अहमद ने रची थी।
पुलिस मुठभेड़ में पहला आरोपी ढेर
बता दें पुलिस और आरोपियों की मुठभेड़ में आरोपी अरबाज की गोली लग गई थी। घायल अवस्था में आरोपी को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। हालांकि इस दौरान बाकी बदमाश भागने में सफल रहे, आरोपी अरबाज अतीक अहमद का करीबी बताया जा रहा है। वहीं एनकाउंटर को लेकर बताया कि यहां पर तीन बदमाश थे लेकिन दो बदामश भाग गए हैं। पहले अरबाज ने पुलिस पर फायरिंग की फिर जवाबी कार्रवाई में आरोपी अरबाज को गोली लगी। वहीं बाकी बदमाश मौके से भाग गए, पुलिस भागे गए बदमाशों की तलाश में जुट गई।
क्या है पूरा मामला
दरअससल, 25जनवरी 2005को तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की हत्या की गई थी। उस समय में वह दो गाड़ियों के काफिले के साथ अपने घर जा रहे थे। रास्ते में उनकी गाड़ियों को घेरकर शूटरों ने फायरिंग की। राजू पाल समेत उनके दो करीबियों की इस वारदात के बाद मौत हो गई थी। उमेश पाल इस हत्याकांड के चश्मदीद गवाह थे। मामले की पैरवी स्थानीय कोर्ट-कचहरी से लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक उमेश पाल ही कर रहे थे।
उमेश की पैरवी ही थी कि हाई कोर्ट ने दो महीने में राजू पाल हत्याकांड का ट्रायल पूरा करने का आदेश दिया था लेकिन इससे पहले ही उमेश पाल की हत्या कर दी गई। उमेश की हत्या उनके घर के ठीक सामने की गई है, जिसमें 6शूटर शामिल थे। शूटरों को वारदात को अंजाम देने में सिर्फ 47सेकेंड लगे थे।


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