आज़मगढ़ के डॉ-अब्दुल कलाम कहे जाने वाले हेरा पब्लिक स्कूल के संस्थापक डॉ-इंजीनियर- तारिक आजम चमन में किसी दिदा-वर से कम नही..
आज़मगढ़:हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है!
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा!!
आज के डॉ-अब्दुल कलाम कहे जाने वाले हेरा पब्लिक स्कूल के संस्थापक डॉ-इंजीनियर- तारिक आजम साहब , चमन में किसी दिदा-वर से कम नही..
जिस तरह मुस्लिम समुदाय का नाम आते ही भारतीय राज नेताओं की भौ सिकुड़ने लगती हैं ,
उतने ही बड़े उदार दिल के धनी निकले डॉ इंजीनियर तारीक आजम हैं।
शुरुआत की शिक्षा उन्होंने अपने पैतृक गांव फ़दगुदिया आजमगढ़ से शुरू की फिर जनता इंटर कालेज अम्बारी से हाई स्कूल तक पढ़ाई की ,
फिर इंटर तक शिब्ली इंटर कालेज आजमगढ़ से 12वी पास किया।
उच्च शिक्षा के लिए मद्रास गए वहां से आई आई टी में वन रैंक लेकर आये,
और परिवार वालो ने उन्हें Iit मद्रास में दाखिला दिलाया ,1974 में बीटेक में फ़स्ट रैंक ला कर देश को चौका दिया
मास्टर ऑफ इंजियनरिंग की डिग्री हासिल करने वो ऑस्ट्रेलिया गवर्मेंट के स्कालरशिप पर AIT बैंकाक चले गए!
बैंकाक में मास्टर की डिग्री हासिल की फिर शुरू हुआ डॉ इंजीनियर आजम का शुरू हुआ करियर,
मिडिल एशिया मलेशिया इंडोनेशिया ,लीविया,सूडान ,यूएई
यहां तक ट्विन टावर के फॉउंडेशन डिजाइनर भी रहे!
भारत सरकार से आज तक कोई रकम या मदत नही मिली है ऐसे मशीहा के पास कोई कमी नही सिर्फ वो कमी हमेशा खलती थी कि आजमगढ़ का शिक्षा के क्षेत्र में कोई नाम क्यों नही फिर आजमगढ़ की सोंधी मिट्टी की खुशबू ने खिंच लाई उनके अपने पैतृक गांव और कुछ कर गुजरने को ठानी ली आज हेरा पब्लिक स्कूल नामक से कई ब्रांच खोलकर आजमगढ़ में हजारो बच्चों का भविष्य संवर रहा हैं ,
मिट्टी का दर्द का तारिक आजम को मलेशिया से नागरिकता होने के बावजूद आजमगढ़ को क्यों चुना...
शिक्षा का अभियान चला कर सैकडो गरीब दलित मुसहर के बच्चों को शिक्षा देने के लिए कमर कसी हैं ,
अपने ट्रस्ट के माध्यम से शिक्षा के क्षत्रे में अब तक करोड़ो खर्च करके आशा की दिप जलाए हुए है
आजम वेलफेयर एन्ड एजुकेशनल ट्रस्ट ,हेरा पब्लिक स्कूल ,
करियर देबलप मेन्ट सेंटर ,
आजमगढ़ , हेरा ,ब्रांच आराजी बाग़ (हीरा पट्टी )
इंटर प्रोनॉर स्किल ट्रिनिग
बिजनेश कैसे की जाए ,
अंजुमन उर्दू मलेशिया सोसाइटी
हेलाल फॉउंडेशन नामक संस्था से शिक्षा के क्षेत्र में को ककहरा सिखा रहे है ,
समाज सेवा गरीब की मदत ,
आप ने आजमगढ़ को क्यों चुना
इंसान की पहचान उसके जन्म स्थल से होती है
अगर वतन में काम नही करता ,
आजमगढ़ का पिछड़ा पन क्यों डेबलप मेन्ट हुआ ,
एजुकेशन नही देना है हमको लीडर पैदा करना, डॉ इंजीनियर तारिक आजम
उसी कड़ी में आज हेरा पब्लिक स्कूल में निट जीई की कोचिंग भी शुरू की हैं
उंसके लिए कोटा से आये
हायर एजुकेशन किये हुए शिक्षक व शिक्षिका हायर किया है
ताकि गरीब दलित बच्चो को हर क्षत्रे में लीडर शिप दिला सके ,
आज हेरा पब्लिक स्कूि के प्रंगण में आजम कैररयर डेविपमेंट
सेंटर के उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया
मुख्य उप जिला अधिकारी रावेंद्र सिंह ने उद्घाटन किया
और अपने भाषण में कहा की शिक्षा से मानव को श्रेष्ठ बनाती हैं,
और ब्वषम पररब्स्िब्ियों में सकारात्मक ब्नणणय िेने की िब्ि
प्दान करिी है।" ब्वब्िष्ट अब्िब्ि मोरटवेिनि स्पी प्ब्िस्िाब्पि कर के समाज को एक
हेरा पब्लिक स्कूि के चेयरमैन
इांजीब्नयर तारिक आजम ने कहा की "हम अपने क्षेत्र के सभी
जरूरत मंद छात्रों की काउंसलिंग करके उनको बिभिन्न क्षेत्रों में
अवसर प्रदान कराया जयेगा अभी नीट(NEET) एवां जेइइ (JEE)
कोचिंग की शुरुआत हुई हैं आगे
आजमगढ़ जौनपुर फैजाबाद व पूर्वांचल के बच्चे बाहर न जाये और कम फीस में उच्च शिक्षा उपलब्ध कराया जयेगा ,
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