Latest News / ताज़ातरीन खबरें

ग्राम पंचायतो में खुली बैठकों के नाम पर हो रहा धोखा

अतरौलिया।ग्राम पंचायतो में खुली बैठकों के नाम पर हो रहा धोखा। बता दें कि आज शुक्रवार को ग्राम प्रधान रामचेत व ग्राम सचिव आदेश शुक्ला के नेतृत्व में देहुला गोसाई ग्राम सभा के चिश्ती पुर में खुली बैठक का आयोजन किया गया जिसमें ग्राम सभा की अधिकतर महिलाएं नाली खड़ंजा आवास साफ सफाई जलजमाव की समस्याओं को लेकर खुली बैठक में उपस्थित हुई ,जिसमें उमा, दयामती ,रागिनी ,कुसुम, कबूतरा,  पुष्पा आदि महिलाओं ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान के हस्तक्षेप से महिलाएं अपनी बात खुली बैठक में नही रख सकी। वही गांव में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है जलजमाव से संक्रामक बीमारियों के बढ़ने का खतरा बढ़ गया है तथा गांव में जाने के लिए आरसीसी मार्ग की जरूरत है। जबकि खुली बैठक का प्रावधान साल में दो बार होना चाहिए। ग्राम सभा की मीटिंग न होना सिर्फ इस एक गांव की कहानी नहीं है। यह समस्‍या ग्राम पंचायतों में आम हो गई है। नियम के मुताबिक  ग्राम पंचायतों में होने वाले काम को खुद गांव के रहने वाले लोग तय करेंगे। जैसे- गांव में कहां सड़क की जरूरत है, कहां नाली बननी चाहिए, ऐसे तमाम काम गांव वाले तय करेंगे। इसके लिए गांव में ग्राम सभा की खुली बैठक बुलाने का प्रवधान है और यह बैठक साल में दो बार होनी चाहिए। एक बैठक खरीफ की फसल कटने के बाद और दूसरी रबी की फसल काटने के बाद होनी होती है। बैठक में गांव वालों को बुलाने के लिए बकायदा डुगडुगी पिटवाई जाती है, लेकिन धीरे धीरे ग्राम पंचायतों में इस डुगडुगी की आवाज गुम होती जा रही और मीटिंग के बारे में लोग भूल ही गए है।
ग्राम सभा की मीटिंग इसलिए भी जरूरी होती है कि यह गांव के विकास की पहली कड़ी होती है। गांव वाले खुद अपनी समस्‍या के अनुसार कार्ययोजना बनाते हैं और फिर साल भर उस कार्ययोजना पर काम होता है। लेकिन जब यह मीटिंग नहीं होती तो गांव के लोगों से, उनकी समस्‍याओं से योजनाओं की एक दूरी बन जाती है। ऐसी ही दूरी  आज़मगढ़ जिले के देहुला गोसाई गांवों में देखने को मिली । महिलाओं के इन कथनों से साफ होता है कि ग्राम सभा की मीटिंग्‍स का हाल नहीं है। ग्रामीण महिलाओं के अनुसार खुली बैठकों के नाम पर टोटल फर्जीवाड़ा चल रहा है। यह संवैधानिक बाध्‍यता है कि खुली बैठक में ग्रामीणों की स्वीकृति के बिना कोई भी काम नहीं हो सकता और खुली बैठक हो नहीं रही हैं। ऐसे में जो भी कागजात खुली बैठकों के नाम पर तैयार किए जाते हैं सब फर्जी हैं। इस मौके पर प्रधान राम चेत, पंचायत सहायक प्रदीप, सचिव आदेश शुक्ला समेत गांव की महिलाएं उपस्थित रही।


Leave a comment

Educations

Sports

Entertainment

Lucknow

Azamgarh