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रक्षाबंधन के पर्व पर महंगाई व इंद्रदेव की बेरूखी भी पड़ी रही है भारी

बिलरियागंज /आजमगढ़ स्थानीय सगड़ी तहसील के क्षेत्रों में 11 अगस्त। बहन की रक्षा का संकल्प और बहन का भाई के प्रति असीम प्रेम के साथ भाई की दीर्घायु होने की कामना को पूर्ण करने वाले पवित्र रक्षाबंधन का त्यौहार क्षेत्र में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है।इस बार पंचांगों की गणित के कारण गुरुवार के साथ शुक्रवार को भी रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। पंचांग की बात करें तो हर बार रक्षाबंधन का पर्व सावन मास की पूर्णमासी के दिन मनाया जाता है। लेकिन इस बार पंचांग के अनुसार श्रवण पूर्णिमा की शुरुआत 11 तारीख को 10:37 मिनट से शुरू होकर शुक्रवार की सुबह 7:05 तक रहेगा। शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि हिंदू तिथि हमेशा उदया तिथि से ली जाती है। और श्रवण पूर्णमासी की उदया तिथि शुक्रवार को मिल रही है। हालांकि क्षेत्र में रक्षा पर्व को मनाने की शुरुआत गुरुवार की सुबह से ही शुरू हो चुका है। वहीं श्रवण पूर्णिमा के 2 दिन पड़ने के कारण इस बार रक्षाबंधन का पर्व भी 2 दिन मनाया जा रहा है। कुछ बहनों ने गुरुवार को ही भाइयों की लंबी दुआओं की मन में अरदास लिए भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र बांधने का कार्यक्रम शुरु कर दिया। तो कुछ बहने शुक्रवार को भी भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र बांधकर उनके लंबी उम्र की प्रार्थना करेंगी। साथ ही कलाई पर रक्षा सूत्र बधवाने के बाद भाई भी जीवन पर्यंत अपनी बहन का रक्षा करने का संकल्प लेते हुए उन्हें कुछ न कुछ उपहार स्वरूप प्रदान करेंगे।
बाजारों में छाई रौनक, तो मायका भी हुआ गुलजर
रक्षाबंधन के पर्व के दौरान क्षेत्रों के बाजारों में भी रौनक छाई रही। तो वही भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने के लिए मायके में पहुंची बहने से मयका भी गुलजार हो गया। वैसे तो रक्षाबंधन के पर्व पर खरीदारी करने के लिए लोग बुधवार से ही बाजारों में आने लगे थे। लेकिन गुरुवार को बाजारों में काफी लोगों के आने से बाजारों में काफी रौनके रही। खासकर मिठाई ,रक्षा सूत्र की दुकानों पर बहनों की तो कपड़े एवं रेडीमेड की दुकानों पर पर भाइयों की भीड़ देखी गई। थोड़ी मोड़ी भीड़ गहने व इलेक्ट्रॉनिक की दुकानों पर रही। भीड़ के बावजूद इन दुकानों पर इंद्रदेव की बेरुखी और महंगाई की मार देखने को मिली।
रक्षाबंधन के पर्व पर महंगाई व इंद्रदेव की बेरूखी भी पड़ी रही है भारी
बाजारों में भीड़ रहने से बाजारों की रौनक तो बढ़ी रही। लेकिन इस बार के रक्षाबंधन पर्व पर महंगाई एवं इंद्रदेव की बेरुखी की मार भी देखने की मिली।महंगाई व सूखे की स्थित होने के क्षेत्र में इस बार रक्षाबंधन से जुड़े कारोबार भी प्रभावित हुए हैं। मिठाई के दुकानदारों ने बताया कि भीड़ तो थी लेकिन कुछ लोगों को छोड़ दिया जाए तो जिन्हें 1 किलो मिठाई की जरूरत थी उन लोगों ने महंगाई की दुहाई देते हुए आधा किलो व ढाई सौ ग्राम मिठाई में ही काम चलाया। वही भीड़ के बावजूद बिक्री न होने से कपड़े और रेडीमेड के दुकानदार भी मायूष रहे।हर बार कपड़े एवं रेडीमेड के दुकानों पर भी काफी बिक्री होती थी। लेकिन इस बार भी अधिकांश दुकानों पर भी सन्नाटा छाया रहा।सोने चांदी की दुकानों पर भी हर बार की अपेक्षा इस बार कम ही राखी की बिक्री हुई। इस पर्व का सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले रक्षा सूत्र की दुकानों पर भी महंगाई की मार देखने को मिली।राखी का दुकान लगाने वाले दुकानदारों ने बताया कि लोग महंगाई के कारण इस बार 5 रूपये की राखी की ज्यादा मांग रहे हैं। कुछ ग्राहक तो रूपये 2 की भी राखी खरीदने की चाहत लिए दुकानों पर आए। अब इस महंगाई में ₹2 की राखी कहां मिलने वाली है। लेकिन उनकी राखी की इच्छा व दुकान से ग्राहक को ना लौटाने के चलते₹2 में सादी राखी जो रक्षा सूत्र से बनाया गया है उसे दिया जा रहा है। फिलहाल इस बार की राखी पर इंद्रदेव की बेरुखी व महंगाई भारी पड़ी है।


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