Education world / शिक्षा जगत

शिक्षा संस्कारों की जननी है : डॉ जितेन्द्र तिवारी -सुल्तानपुर/ कादीपुर


कादीपुर । स्थानीय संत तुलसीदास पीजी कॉलेज कादीपुर में आज स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय युवा महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए महाविद्यालय प्रबन्धक सौरभ त्रिपाठी ने कहा कि मनुष्य की अन्तर्निहित पूर्णता को अभिव्यक्त करना ही शिक्षा है। जो स्वामी विवेकानंद जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व में साकार दृष्टिगत होता है जिससे वर्तमान पीढ़ी को सीख लेने महती आवश्यकता है। स्वामी जी ने शिक्षा को बाह्य वस्तु न मानकर इसे अन्त: मन से उत्सर्जित विलक्षण ऊर्जा के रूप में स्वीकार किया है। प्राचार्य डॉ जितेन्द्र कुमार तिवारी ने अपने सम्बोधन में स्पष्ट किया कि आज की शिक्षा में स्वामी विवेकानंद जी द्वारा बताए व अपनाये विचार व उद्देश्य वर्तमान समय में अत्यन्त प्रासंगिक है। वास्तविकता तो यह है कि शिक्षा संस्कारों की जननी होने के साथ साथ समाज के आईने में व्यक्तित्व के निखार को आधार प्रदान करती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बीएड विभागाध्यक्ष डॉ अशोक पाण्डेय ने स्वामी विवेकानंद के जीवन परिदृश्य और कृतित्व पर विशद प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में डॉ संतोष पाण्डेय डॉ विजय नारायण तिवारी आदि ने अपना विचार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ श्याम बिहारी मिश्र डॉ समीर पाण्डेय डॉ अनिल पाण्डेय डॉ अयोध्या मिश्रा डॉ सुरेन्द्र प्रताप तिवारी सहित सभी छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।


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