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सरकार ने बदले गोल्ड बेचने के नियम, सोने के पुराने गहने अब नहीं बेच पाएंगे आप!

बिजनेस अपडेट। सोना केवल आभूषण नहीं बल्कि जमापूंजी है। भारत में लोग सोने को आभूषण से ज्यादा निवेश के तौर पर देखते हैं। ऐसा निवेश को मुश्किल के वक्त में कभी भी काम आ सकता है। अगर कभी ऐसी आर्थिक परेशानी आई तो कुछ ही घंटों में घर की तिजोरी में बंद सोने के जेवर आपके लिए एक इमरजेंसी फंड के तौर पर तैयार हो जाता है। सोने के गहने बेचकर लोग मुश्किल से बच निकलते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सरकार ने सोने के गहने खरीदने से लेकर बेचने तक का नियम बदल दिया है।
बदल गया सोना बेचने का नियम​
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबित 1 अप्रैल से सरकार ने सोने के गहने बेचने के लिए भी हॉलमार्क यूनीक आईडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर को अनिवार्य कर दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद अब सोना बेचने के लिए भी हॉलमार्किंग जरूरी हो गया है। केंद्र सरकार ने अब पुराने सोने के गहनों के लिए भी एक खास नियम तय किया है। नए नियम के बाद आप बिना HUID के गहने बेच नहीं पाएंगे।
​फिर क्या करें​
अगर आपने हॉलमार्किंग का नियम लागू होने से पहले सोने के जेवर बनवाए हैं और अब उसे बेचना या बदलवाना चाहते हैं तो आप ऐसा नहीं कर सकेंगे। पुरानी गोल्ड ज्वैलरी या दूसरे गोल्ड प्रॉडक्ट्स को बेचने से पहले आपको उन्हें भी हॉलमार्क्ड कराना होगा।
​क्या होगा फायदा​
गोल्ड की हॉलमार्किंग शुद्ध सोने की पहचान है। सोना कितना शुद्ध है ये हॉलमार्क देखकर आप पता कर सकते हैं। पुरानी ज्वैलरी पर हॉलमार्किग करवाने से आपको जहां आपके पुराने सोने के गहने की सही कीमत मिलेगी तो वहीं सरकार इस बात का भी पता लगा सकेंगी कि सोने में निवेश के जरिये कितना काला धन छिपाया गया है।
​हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) जरूरी​
सरकार ने इसी मकसद से 1 अप्रैल, 2023 से देश में सोने के सभी गहनों और गोल्ड प्रॉडक्ट्स पर हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन यानी HUID को अनिवार्य कर दिया है। इस यूनिक नंबर के जरिए सोने के गहने में सोने की शुद्धता के प्रतिशत की जानकारी मिलेगी। ज्वैलर्स आपको सोने की शुद्धता को लेकर बेवकूफ नहीं बना सकेंगे। सोने की गहनों पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का लोगो होगा। सोना 18 कैरेट का है, 20 कैरेट , 22 कैरेट या फिर 24 कैरेट का है उसकी डिटेल होगी।


​कैसे करवाएं हॉलमार्किंग​
अगर आपने गहने में पहले से हॉलमार्किंग है तो आप आसानी से बेच या बदल सकते हैं। लेकिन यदि आपकी ज्वैलरी में ये मार्क नहीं है तो बेचने या बदलने से पहले आपको हॉलमार्क करवाना होगा। पुराने जेवरों में होलमार्किंग कैसे करवाए इसे लेकर भी नियम है। इसके लिए आपको अपनी पुरानी ज्वैलरी लेकर BIS से रजिस्टर्ड ज्वैलर के पास जाना होगा। ज्वैलर उन गहनों को लेकर BIS एसेइंग और हॉलमार्किंग सेंटर ले जाएगा, जहां गहनों की शुद्धता की जांच के बाद उसकी हॉलमार्किंग की जाएगी। आप चाहे तो सीधे हॉलमार्किंग सेंटर जाकर भी ये काम करवा सकते हैं।


​कितना लगेगा चार्ज​
पुराने गहनों की हॉलमार्किंग के लिए ज्वैलरी के मालिक यानी आपको हर पीस के लिए महज 45 रुपये का शुल्क चुकाना होगा। हॉल मार्किंग सेंटर गहनों की शुद्धता जांच करने के बाद शुद्धता सर्टिफिकेट जारी करेगा। आप उस जेवर को बेचते वक्त या फिर बदलते वक्त सर्टिफिकेट दिखा सकते हैं।


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