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मानवीय संवेदनाओं को शर्मसार करने वाली घटना गेट के बाहर खुले में दर्द से तड़पते हुए महिला ने बच्चे को दिया जन्म ,अस्पताल में अफरातफरी

●प्रसव पीड़िता को सीएचसी से भगाया तो सड़क पर दिया बच्चे को जन्म
सीतापुर। जिले के सिधौली सीएचसी में शनिवार को मानवीय संवेदनाओं को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। गोंदलामऊ के शाहपुर निवासी अन्नू अपनी पत्नी रेनू को प्रसव के लिए आशा बहू के साथ एंबुलेंस से सीएचसी लेकर आया था। लेबर रूम के पास बैठी महिला डाक्टर ने 9.30 बजे इंट्री कर कहा अभी बाहर जाओ, काफी समय है। रेनू ने प्रसव पीड़ा की बात कही तो डाक्टर ने भगा दिया। रेनू गेट के बाहर खुले में दर्द से तड़पते हुए बैठ गई। कुछ देर बाद उसे प्रसव होने लगा।
महिलाओं ने घेरा बनाकर प्रसव में किया सहयोग
इस पर आस पास मौजूद महिलाओं ने घेरा बनाकर प्रसव में सहयोग किया। रेनू ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। इसको लेकर अस्पताल कर्मियों में हड़कंप मच गया। आनन फानन स्वास्थ्य कर्मी जच्चा बच्चा को स्ट्रेचर से उठाकर अस्पताल के अंदर ले गए। रेनू के पति अन्नू ने बताया कि पहले महिला डाक्टर ने भगा दिया जबकि उसकी पत्नी को सुबह से तेज दर्द हो रहा था। इसी के चलते वह एंबुलेंस से लेकर आए थे। दर्द की बात बताने पर भी डाक्टर ने सहयोग नहीं किया।
दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई अधीक्षक
सीएचसी सिधौली में चार महिला डाक्टर व 13 स्टाफ नर्स की तैनाती है। फिर भी प्रसव के लिए आई गर्भवती के साथ इस तरह की लापरवाही सामने आई। हाईवे पर सीएचसी में इस तरह से मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इस संबंध में सीएचसी अधीक्षक डा. राकेश कुमार वर्मा ने कहा कि बाहर खुले में प्रसव होने का मामला संज्ञान में आया है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। हम इसकी जांच करा रहे हैं। किसके स्तर से लापरवाही हुई। जिसे दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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