'नोटा पर वोट लोकतंत्र की परिपक्वता का संकेत' - ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि
सुलतानपुर। 'मजबूत लोकतंत्र के लिए आवश्यक है सभी मतदाता वोट जरूर दें । अगर कोई उम्मीदवार पसंद नहीं है तो नोटा की बटन दबाएं । नोटा वोट की बर्बादी नहीं है। नोटा पर वोट लोकतंत्र की परिपक्वता हेतु उठाया गया एक सकारात्मक कदम है ।' यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने कहीं ।
ज्ञानेन्द्र ने गुरुवार को कहा कि नैतिक मूल्यों वाले देश में उचित शासन के लिए सही जनप्रतिनिधि चुना जाना आवश्यक है। नोटा पर मिला समर्थन राजनीतिक दलों को स्वच्छ छवि के उम्मीदवार उतारने के लिए मजबूर कर सकता है। उन्होंने बताया कि देश में नोटा अभी तक बहुमत हासिल करने में कामयाब नहीं हुआ है लेकिन नोटा की लोकप्रियता समय के साथ बढ़ रही है । हालांकि किसी दुराग्रह के कारण नोटा के दुरुपयोग से बचना होगा । नोटा को आक्रोश व्यक्त करने के प्रतीकात्मक साधन के रुप में भी देखना सही नहीं है ।
साहित्य व समाज की विभिन्न धाराओं से जुड़े युवा चिंतक ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि इन दिनों नेहरू युवा केंद्र , राष्ट्रीय सेवा योजना समेत अनेक संगठनों से जुड़ कर जिले भर में मतदाताओं को मतदान हेतु प्रेरित कर रहे हैं ।
ज्ञानेन्द्र ने सुझाव दिया कि कई बार मतदाता नाराजगी , आक्रोश , बहिष्कार आदि विभिन्न कारणों से मतदान करने नहीं जाते हैं । ऐसे मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करते समय यदि नोटा का महत्व समझाया जाय तो मतदान प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है ।
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