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एक ही परिवार के दो महिला सहित चार को आजीवन कारावास : आजमगढ़


आजमगढ़। हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद एक अदालत ने एक ही परिवार के दो महिला सहित चार लोगों को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को दस दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर एक बी डी भारती ने मंगलवार को सुनाया। अभियोजन कहानी के अनुसार वादी सतिराम सिंह पुत्र राज देव सिंह निवासी भैरोपुर थाना अतरौलिया कि गांव के गिरजा शंकर सिंह से मुकदमे की रंजिश चल रही थी। आरोपी गिरजा शंकर सिंह, रवि शंकर सिंह पुत्र गण चंद्रदेव सिंह तथा विभा सिंह पत्नी रवि शंकर सिंह व सुधा सिंह पत्नी गिरजा शंकर सिंह 13 मई 2012 की सुबह आठ बजे गांव में ही मुर्गी फार्म पर की छत पर पुआल डाल रहे थे। इस मुर्गी फार्म के लिए न्यायालय ने स्थगन आदेश दे रखा था। वादी सतिराम सिंह के पुत्र सुरेंद्र सिंह ने आरोपियों को पुआल डालने से मना किया। विभा सिंह तथा सुधा सिंह के ललकारने पर गिरजा शंकर ने सुरेंद्र को गोली मार दी। घायल सुरेंद्र सिंह को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। जहाँ से वाराणसी रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान 1 जून को 2012 को सुरेंद्र की मौत हो गई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद चारों आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया।
अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता जगदंबा पांडे तथा विक्रम पटेल ने सतिराम सिंह ,तारा देवी, प्रिया सिंह, डॉक्टर प्रेम प्रकाश वर्मा, डॉ महेंद्र प्रताप, प्रभारी निरीक्षक तेज बहादुर, डॉक्टर रफीक परवेज, रिटायर्ड सुभाष चंद्र मिश्रा, अवधेश कुमार तिवारी, विपुल सिंह तथा अवधेश सिंह को बतौर गवाह न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत में सभी चारों आरोपियों गिरजा शंकर सिंह, रवि शंकर सिंह, विभा सिंह तथा सुधा सिंह को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को दस दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की आधी राशि मृतक की पत्नी को छतिपूर्ति के तौर पर दी जाएगी।


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