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छात्रा हत्याकांडः चरित्र पर शक हुआ तो सगे चाचाओं ने हत्या कर लाश फेंक दी थी पोखरी में ,खुलाशा


●बरदह थाना क्षेत्र के असवनिया गांव में हुई छात्रा की हत्या का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। छात्रा के दो सगे चाचा ने मिलकर उसकी हत्या की थी। फिर खुद को बचाने के लिए लाश पोेखरी में फेंक दी थी। यही नहीं दोनों हफ्तों तक पुलिस को भी गुमराह करते रहे।

बरदह /मार्टीनगंज/आजमगढ़। अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो लेकिन एक न एक दिन उसके अपराध से पर्दा उठ ही जाता है। ऐसा ही कुछ छात्रा हत्याकांड में हुआ। उसके अपने सगे चाचाओं ने बेहद शातिराने ढंग से घर में छात्रा की हत्या की। फिर उसकी लाश को ले जाकर गांव के तालाब में फेंक दिया। यहीं नहीं वे पूरी रात गांव वालों के साथ तलाश का नाटक करते रहे। उन्होंने पुलिस को भी हफ्ते पर बेवकूफ बनाया। बहरहाल पोल खुला तो पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है। आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने हत्या सिर्फ इसलिए की क्योंकि उन्हें भतीजी के चरित्र पर शक था।
बरदह थाना क्षेत्र के असवनिया गांव में 14 जुलाई को छात्रा पूजा 20 पुत्री उदयभान का शव पोखरी में पाया गया था। उसके चाचा चन्द्रभान व सूरज आदि शव के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे कि गांव वालों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। पोस्टमार्टम के गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई थी।
इस मामले में पूजा के पिता ने रोहित पुत्र ज्ञानचन्द्र, सौरभ पुत्र अज्ञात व रामप्रसाद पुत्र सभा निवासीगण असवनिया पर पूजा को बुलाकर हत्या करने तथा लाश को पोखरी में फेेंकने का आरोप लगाया था। पुलिस ममाले में एफआईआर दर्ज कर जांच में जुटी थी।
विवेचना के दौरान थाना प्रभारी विनय कुमार मिश्र को परिवार के लोगों पर ही शक हुआ। जांच आगे बढ़ी तो सच सामने आ गया। पुलिस ने संदेह के आधार पर मृतका के सगे चाचा चन्द्रभान उर्फ चन्दू व सूरजभान पुत्र गण बदई पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। पुलिस ने थोड़ी सख्ती दिखाई को तो दोनोें टूट गये और अपना जुर्म कुबूल कर लिया। गुमराह किया
आरोपियों ने बताया कि उनसे गलती हो गयी। उन्हें पूजा के चरित्र पर शक था। पूजा परीक्षा देने के लिए पांच जुलाई को हरियाणा से घर आयी थी। 13 जुलाई की रात पूजा के मोबाइल पर 639...........88 नंबर से 06 मिसकाल आया। उन्हें शक था कि गाँव के राम प्रसाद के साले के लड़के रोहित से पूजा का नाजायज संबंध है। इसलिए लगा कि वही फोन कर रहा होगा।
इस बात को लेकर हम दोनांे भाई पूजा को उसके कमरे में जाकर डाट कर पूछने लगे कि तुम्हारे मोबाइल पर रोहित का ही मिस काल आया था तो वह नाराज हो गयी। जिससे उन्हें गुस्सा आया और वे पूजा के सिर के पिछले भाग को पकड़ कर कमरे के दरवाजे के बगल में दिवाल में टकरा दिया। नाक मुंह बंद करने सेे पूजा का दम घुट गया और वह मर गयी।
इसके बाद घबराहट में दोनों ने शव को गांव के पोखरे में फेंक दिया। फिर उन्होंने खुद को बचाने के लिए फोन पर पूजा के बारे में कई लोगों से पूछताछ की और रोहित को भी फोन करके बुला कर खोजने में मदद के लिये कहा। उन्हें लगा कि कोई उनपर शक नहीं करेगा।


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