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फ़ादर स्टेन स्वामी की न्यायिक हिरासत में मौत , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं वाम जनवादी,मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन

आज़मगढ़: आज 13 फरवरी 2021 निज़ामाबाद-फ़ादर स्टेन स्वामी की मृत्यु 84 वर्ष की उम्र में न्यायिक हिरासत में मौत हो गई।जिन्हें कथित रूप से भीमा कोरेगांव मामले में अभियुक्त बनाया गया था।स्टेन स्वामी की हिरासत में मौत के लिये जिम्मेदार लोगों की जबाबदेही को लेकर तहसील निज़ामाबाद पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं वाम जनवादी,मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा।कार्यकर्ता बैनर के साथ हाथों में प्ले कार्ड लिए थे जिसमें लिखा था-फ़ादर स्टेन स्वामी की हिरासत में मौत संस्थानिक हत्या है,स्वामी के मौत के जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी हो,यूएपीए और एनएसए का दुरुपयोग बन्द हो,लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा हो,आदि नारे लिखे थे।
          मंगलवार को तहसील निज़ामाबाद में सामाजिक,राजनैतिक कार्यकर्ताओं ने नारे लगाते हुये तहसील का चक्रमण करते हुए मुख्यद्वार पर पहुंचे,जहां मौजूद नायब तहसीलदार को ज्ञापन दिया गया।
        भाकपा राज्य परिषद सदस्य उप्र कामरेड जितेंद्र हरि पांडेय एडवोकेट ने उपस्थित पत्र प्रतिनिधियों के सवालों का जबाब देते हुये कहा कि अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने सबूतों के साथ खबर प्रकाशित किया था कि भीमा कोरेगांव के आरोपी रोना विल्सन की गिरफ्तारी से पूर्व उनके कंप्यूटर में ईमेल प्लांट किये गये।जिसके आधार पर एनआईए ने स्तेन स्वामी,सुधा भारद्वाज, आनंद तेलतुंबड़े जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।स्टेन स्वामी पार्किंसन से पीड़ित थे जिन्हें अंतरिम जमानत भी नही मिली।पांडेय ने नेशनल कैम्पेन ऑन अंगेस्ट टार्चर की 2019 की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि भारत मे हरदिन पांच लोग हिरासत में मर जाते हैं।वर्ष 2019 में पुलिस हिरासत में 117 लोगों की तो न्यायिक हिरासत में1606 लोगों की मौत हुई।वर्ष 2005 से 2018 के बीच कथित तौर पर पुलिस हिरासत में यातना के कारण 500 लोगों की मौत में एक भी दोषी नहीं पाया गया।न्यायालय द्वारा आईटी एक्ट की धारा 66-ए को 6 वर्ष पूर्व खत्म करने के बाद भी पुलिस उसका उपयोग कर रही है।इसका उदाहरण निज़ामाबाद थाना के फरिहा गांव निवासी अरसद जमाल स्वतंत्र पत्रकार हैं।जिनके ऊपर पिछले दिनों 66-ए आदि धाराओं को लगाकर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
        वरिष्ट कॉमरेड रामसूरत यादव ने कहा कि वर्तमान प्रदेश और देश की भाजपा सरकार अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को प्रताड़ित करने और डराने,धमकाने की नीयत से यूएपीए, एनएसए जैसी धाराओं को निर्दोषों पर लगाकर जेलों में डाल दिया जाता है जिसमे अधिकतर लोग कोर्ट द्वारा निर्दोष साबित होकर बरी हो जाते है।
        इस अवसर पर हरिगेन राम,रामसूरत यादव,अजय कुमार तिवारी,हीरालाल चौहान,अशोक कुमार यादव,अवधविहारी,मोहन,रामप्रसाद,भागवत यादव,डॉ ज़फर,हरिश्चन्द्र गौतम,जमालुद्दीन खान,आदि लोग उपस्थित रहे।
 


आज़मगढ़ से
सरफ़राज़ अहमद


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