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दीपकों की रोशनी से जगमगा उठा शिवाला घाट निजामाबाद

निजामाबाद आजमगढ़ कार्तिक पूर्णिमा ,देव दीपावली के दिन दत्तात्रेय मंदिर और शिवाला घाट मंदिर,महादेव घाट मंदिर पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ थी श्रद्धालु शिवाला घाट और महादेव घाट तमसा सरोवर में स्नान कर भगवान शिव की पूजा अर्चना कर अपने और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। इस बार हर तीर्थ स्थलों पर कोरोना का खौफ रहा। जिसके कारण हर साल की अपेक्षा भीड़ कम थी श्रद्धालु सुबह से ही दत्तात्रेय मंदिर महादेव घाट और शिवाला घाट मंदिर पर पहुंचकर स्नान कर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए भगवान शिव को जल चढ़ाया । कार्तिक पूर्णिमा,देव दीपावली की तिथि को निजामाबाद के शिवाला घाट पर तमसा आरती का कार्यक्रम हुआ और शिवाला घाट पर असंख्य दीपक जलाएं गए जिसके प्रकाश से घाट जगमगा उठे।और घाटों पर रंगोली भी बनाई गई। दीपावली के संदर्भ में दो पौराणिक कथाएं मिलती हैं इसमें एक कथा महर्षि विश्वामित्र तथा दूसरी भगवान शिव से जुड़ी है पौराणिक कथा के अनुसार एक बार विश्वामित्र जी ने देवताओं की सत्ता को चुनौती दे दी उन्होंने अपने तप के बल से त्रिशंकु को सह शरीर स्वर्ग में भेज दिया यह देखकर देवता अचंभित रह गए विश्वामित्र जी ने ऐसा करके उनको एक प्रकार से चुनौती दे दी थी जिस पर देवता त्रिशंकु को वापस पृथ्वी पर भेजने लगे जिसे विश्वामित्र ने अपना अपमान समझकर उन्होंने या हार स्वीकार नहीं की तब उन्होंने अपने तपोबल से त्रिशंकु को हवा में रोक दिया और नई स्वर्ग लोक तथा सृष्टि की रचना प्रारंभ कर दी यह देख देवता विश्वामित्र की प्रार्थना करने लगे विश्वामित्र देवता के प्रार्थना से प्रसन्न हुए देवता उस दिन देव दीपावली मनाई ।एक समय तीनों लोक त्रिपुरासुर नाम के राक्षस के अत्याचारों से भयभीत था देवता उससे रक्षा के लिए भगवान शिव के शरण में गए भगवान शिव ने कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन ही त्रिपुरासुर का वध कर तीनों लोको को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई उस दिन से ही देवता हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को भगवान शिव के विजय पर्व के रूप में मनाते हैं।


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