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कंपन के बाद पलभर में धूल के गुबार में बदल गई इमारत 8 की मौत, 28 लोग निकाले गए बाहर


लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के शहीदपथ से लगते हुए ट्रांसपोर्ट नगर में शनिवार की शाम अचानक से चीख पुकार मच गई। यहां एक पुरानी तीन मंजिल की बिल्डिंग, जिसमें दवाइयों का गोदाम संचालित हो रहा था। इसमें तीन दर्जन

 

से अधिक लोग काम कर रहे थे, अचानक से भरभरा कर गिर गई। इस इमारत के गिरने से ठीक पहले अंदर काम कर रहे लोगों को लगा कि भूकंप आ गया। करीब 15 सेकंड तक इमारत में कंपन हुआ। लोग अभी कुछ सोच पाते और बाहर निकलने की कोशिश करते कि छत के ऊपर से कुछ अजीब सी आवाजें आने लगीं. उन्हें लगा कि छत गिर रही है
इसके बाद तो देखते ही देखते पूरी इमारत ही भरभराकर गिर पड़ी। इसमें इमारत के अंदर काम कर रहे सभी लोग दब गए। इमारत के बाहर मौजूद लोगों ने तत्काल मामले की जानकारी पुलिस को दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस, फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने राहत कार्य शुरू किया। इन टीमों ने देर रात तक इमारत के अंदर फंसे 28 लोगों को बाहर निकाल लिया। यह सभी लोग बुरी तरह से घायल हो चुके थे। वहीं 8 लोगों के शव भी निकाले गए।
पुलिस ने बताया कि यह रेस्क्यू ऑपरेशन अभी तक जारी है. पुलिस के मुताबिक सभी 8 मृतकों की पहचान मनजीत सिंह साहनी, धीरज, पंकज, अरुण, राम किशोर, राजेश कुमार, रुद्र यादव और जगरूप सिंह के रूप में हुई है। वहीं 28 घायलों को बाहर निकालने के बाद भी कहा जा रहा है कि कई लोग लापता हैं। अब पुलिस और आपदा राहत टीमें मलबे के अंदर इन लापता लोगों की तलाश में जुटी है। इसके लिए जेसीबी की मदद से मलबे को हटाया जा रहा है।अधिकारियों के मुताबिक इस इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर मोटर वर्कशाप और एक गोदाम था। इसी प्रकार फस्ट्र फ्लोर पर दवाई का गोदाम था। इसी प्रकार दूसरे फ्लोर पर भी किसी कंपनी का गोदाम था।
जब यह हादसा हुआ, इमारत के अंदर दवाई पैकेजिंग का काम हो रहा था। आसपास मौजूद लोगों ने बताया कि जिस तरह से यह हादसा हुआ, इसमें लोगों का जिंदा बच निकलना अपने आप में बड़ी बात है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पहले पिलर टूटा और फिर इमारत भरभराकर गिरी। इससे बहुत तेज धूल का गुबार उठा। वहीं पड़ोस में ही दुकान चलाने वाले नसीम ने बताया कि हादसे के वक्त उसकी दुकान पर काफी काम था, गाड़ियों में लगाने के लिए शीशे कट रहे थे। इसी दौरान जोर की आवाज हुई। उसने बाहर निकलकर देखा तो इमारत की जगह केवल धूल का गुबार नजर आया।

नसीम के मुताबिक इस इमारत में दवाइयों को गोदाम था और यहां काम करने वाले लोगों में ज्यादातर महिलाएं थीं पास की इमारत में काम करने वाले युवक अतुल ने बताया कि उसका छोटा भाई इसी इमारत में काम करता था। अतुल के मुताबिक यह हादसा उसके सामने हुआ। पिलर टूटते ही यहां अफरातफरी मच गई। वह खुद अपने भाई को बचाने के लिए दौड़ा। गनीमत रही कि उसने अपने भाई को बचा तो लिया, लेकिन दोनों ही घायल हो गए। अतुल के भाई ने बताया कि वह अंदर काम कर रहा था। इसी दौरान लगा कि भूकंप आ गया। यह घटना हादसे से करीब 15 मिनट पहले की है। पूरी इमारत करीब 15 सेकंड तक कांपती रही थी। इसके बाद पिलर टूटने की आवाज आई और पूरी बिल्डिंग ध्वस्त हो गई।


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