सकारात्मक नेतृत्व संस्था की सफलता के लिए जरूरी: प्रो पुरोहित, एक्सपर्ट टॉक शो का किया गया आयोजन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी जौनपुर के सेंट्रल ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट सेल और इनक्यूबेशन सेंटर की सहायता से एक्सपर्ट टॉक शो आयोजन शुक्रवार को किया गया I
इसकी शुरुआत में प्रो. अविनाश डी पाथर्डीकर ने लीडरशिप से जुड़ी हुई विभिन्न स्थितियों पर चर्चा करते हुए मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया और कार्यशाला के उदेश्य पर प्रकाश डाला I
कार्यशाला को संबोधित करते हुए दून विवि देहरादून के प्रबंधन के डीन प्रो एच सी पुरोहित ने कहा कि संस्थान में सफलता प्राप्त करने के लिए लीडरशिप के गुणों को कैसे बढ़ाया जाए यह संस्थान के विकास के लिए आवश्यक है, इस संदर्भ में उन्होंने सफल नेतृत्व के छह बिंदुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि यह मुख्य रूप से छः शब्दों पर केंद्रित है.
जिसमें पहला सेल्फ मैनेजमेंट यानी हम अपने आप को कैसे मैनेज करते हैं अलग-अलग परिस्थितियों के हिसाब से, दूसरा, एफर्ट मैनेजमेंट है, जिसमें हमें कार्यस्थल पर नित रोज नये प्रयोग करते रहने और उसको समय समय पर को मूल्यांकन करने पर ध्यान देने की जरूरत है, तीसरा, कंपनी मैनेजमेंट यानी हम किस तरह के लोगों के साथ रहते हैं उनके साथ कैसे सामंजस्य स्थापित करें कि टीम में एक दूसरे की कमियों को समझ कर उसे शक्ति में बदलें.
चौथा गुण है रिलेशनशिप मैनेजमेंट, यानी हमें अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी में तालमेल स्थापित करना चाहिए क्योंकि कार्यस्थल पर कार्यरत कर्मियों के साथ साथ नेतृत्व को उनके परिवारों के बारे में सोचना चाहिए.
इमोशंस मैनेजमेंट के गुण होने से नेतृत्व का कर्मियों के साथ भावनात्मक लगाव स्थापित होता है.
और अंतिम है टाइम मैनेजमेंट यानी हम जो भी काम करते हैं उसको समय के साथ संपादित होना के लिए समय प्रबंधन होना जरूरी है तभी संस्था अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पायेगी और इसे नेतृत्व की सफलता माना जायेगा.
प्रो पुरोहित ने कहा कि हमें अपनी जिंदगी में अलग-अलग परस्थितियों के हिसाब से प्रयोग होने वाले लीडरशिप के विभिन्न गुणों को विकसित करना होगा तभी हम अपनी जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
कार्यक्रम के अंत में प्रो प्रदीप कुमार, निदेशक केंद्रीय ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ ने प्रकोष्ठ की उपलब्धियों के साथ साथ का जिक्र किया और भविष्य की योजना पर प्रकाश डालते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया.
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