पूर्वांचल के सात शहरों में स्थापित होंगी लालबाग के राजा की मूर्तियां, सात सितंबर से प्रारंभ होगा गणेशोत्सव
भगवान शिव की नगरी काशी में सात सितंबर से गणेशोत्सव शुरू हो रहा है। मराठी समाज के परिवारों में गणपति देव विराजेंगे। इसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। सार्वजनिक गणेशोत्सव के लिए पंडाल आकार लेने लगे हैं। वहीं, गणेश जी की मूर्तियां भी आकार ले चुकी हैं।
काशी में विराजने के लिए मुंबई के लालबाग के राजा की भी प्रतिमूर्ति आ रही है। वहां से पांच दिनों में यहां पहुंचेगी। पूर्वांचल में उनकी सात प्रतिमाएं स्थापित होंगी। काशी में ठठेरी बाजार स्थित शेरवाली कोठी और बीएचयू आईआईटी में स्थापित होगी।
काशी में 17 सालों से मुंबई के लालबाग के राजा की प्रतिमूर्ति स्थापित होती है। मुंबई में ही लालबाग के राजा की प्रतिमाएं तैयार हुई हैं और अब वे यहां आने को तैयार हैं। श्रीकाशी मराठा गणेश उत्सव समिति के अध्यक्ष आनंदराव सूर्यवंशी एवं कोषाध्यक्ष हनुमान शिंदे ने बताया कि बनारस में स्थापित होने वाली प्रतिमाओं को मुंबई के मूर्तिकारों ने ही बनाया है। दो बड़े वाहनों से यूपी और बिहार में स्थापित होने के लिए चार से छह फीट की कुल 14 प्रतिमाएं आ रही हैं। 30 अगस्त को ये वाहन मुंबई से चते हैं और चार सितंबर को यहां पहुंच जाएंगे।
अलग होती है मूर्तियों की बनावट ही
14 में से सात पूर्वांचल के शहरों में स्थापित होंगी। यहां पर ठठेरी बाजार, बीएचयू आईआईटी के अलावा आजमगढ़ में दो और मिर्जापुर, गोपीगंज (भदोही), गाजीपुर में एक-एक प्रतिमाएं स्थापित होंगी। इसके अलावा प्रतापगढ़, अकबरपुर, कानपुर, पटना आदि शहरों के पंडालों में ये प्रतिमाएं स्थापित होंगी। प्रतिमाएं ही नहीं मुंबई से वस्त्र और शृंगार की सामग्रियां भी आ रही हैं।
संस्था के पूर्व अध्यक्ष सुहास पाटिल ने बताया कि घरों में स्थापित करने के लिए भी करीब दो दर्जन छोटी प्रतिमाएं आ रही हैं। वैसे 12 स्थानों पर सार्वजनिक पूजा पंडाल में गणेश जी की पूजा होती है। आनंदराव सूर्यवंशी ने बताया कि लालबाग के राजा की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकारों की कलाकारी अलग है। उनकी मूर्तियों की बनावट ही अलग होती है।
आईआईटी बीएचयू में भी होंगे स्थापित
बीएचयू आईआईटी के धनराज गिरि हॉस्टल में लालबाग के राजा की प्रतिमूर्ति स्थापित होगी। महाराष्ट्र के करीब 400 छात्र यहां गणेशोत्सव मनाएंगे। आयोजक मनीष दीपक सावले ने बताया कि तीसरे साल भी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित होगी। शिवाजी महाराज जो गढ़ जीते थे, उनमें से करीब 15 गढ़ों की झांकी सजाई जाएगी। इस दौरान कैंपस में पूजन अर्चन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, महाआरती जैसे विविध आयोजन होंगे।
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