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Azamgarh।राम मन्दिर के इतिहास के गवाह है पूक (पुष्पनगर)के नव युवक, जिन्होंने बढ़ चढ़कर लिया था कार सेवा में भाग

दीदारगंज-आजमगढ़।मार्टिनगंज तहसील क्षेत्र के पुष्पनगर गांव में बूढ़नपुरअतरौलिया के डा0भगत सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ   के  प्रचारक के प्रेरणा से पुष्पनगर गांव निवासी डा0विजय प्रताप सिंह के यहां एक गोष्ठी हुई जिसमें राम जन्म भूमि को मुक्त करानें के लिए लोगों को कार सेवा में भाग लेने के लिए कहा गया। भगत सिंह की प्रेरणा  से पुष्पनगर गांव के भानुप्रताप सिंह पुत्र स्व0कमला कांत सिंह, तेज प्रताप सिंह पुत्र स्व0लल्लन सिंह, महेंद्र प्रताप सिंह पुत्र स्वदेश नंदनसिंह, श्याम नारायन सोनी पुत्र स्व0जीयालाल सोनी, उमाकांत उपाध्याय पुत्र स्व0शिव पूजन उपाध्याय, सुरेश सिंह पुत्र स्व0शिवराम सिंह तथा मार्टिनगंज तहसील के बूंदा गांव के राजेंद्र प्रसाद सिंह पुत्र स्व0 प्रसाद सिंह, पृथ्वीराज सिंह पुत्र स्व0द्वारिका सिंह ने कार सेवा में भाग लिया। 30अक्टूबर 1990 को सुबह 9बजकर 30मिनट पर सायकिल से कलान होते हुए तुलसी नगर रेलवे स्टेसन पर 1बजकर 30मिनट पर पहुंच गए थे सहायक स्टेसन मास्टर श्री पांडेय थे उनसे भानुप्रताप सिंह परिचित थे हम लोगों का भाव देखकर पांडेय जी ने बनारस से फैजाबाद तक रेलववे कर्मचारियों को ले जाने वाले रेलवे इंजन के पास गार्ड के डिब्बा से कर्मचारी आते और जाते थे (उस समय सभी ट्रेनें बंद थी केवल कर्मचारियों के आने जानें के लिए अलग से ट्रेन की ब्यवस्था थी)उसी के साथ हम लोग तुलसी नगर से 42कारसेवक दर्शन नगर तक पहुंच गए साम हो गई थी। बाजार वासियों ने भोजन का प्रबंध सात सौ कार सेवकों का कर रहे थे रात दस बजे तक लगभग चार हजार कार सेवक इकट्ठा हो चुके थे पुलिस से लुका छिपी करते हुए पगडंडी के रास्ते भोर चार बजे अयोध्या पहुंच गए। 31अक्टूबर एव एक नवम्बर 90को अशोक सिंघल ,श्रीसचंद दिक्षित पूर्व डीजीपी तथा उमा भारती, साध्वी ऋतम्भरा, विनय कटियार आदि ने हजारों कार सेवकों को सम्बोधित किया 2नवम्बर को तीन तरफ से दो -दो की लाइन में एक ग्रुप का नेतृत्व कैप्टन अरोड़ा कर रहे थे दूसरे का नेतृत्व सांसद उमा भारती  तथा तीसरे का एक राजस्थान के हिंदुवादी नेता कर रहे थे लगभग सवा लाख कार सेवक थे साढ़े दस बजे के बाद कैप्टन अरोड़ा जी के लाइन में पुलिस की गोली चली जिसमें काफी कार सेवकों जान गवानी पड़ी।उसी समय अशोक सिंघल को भी पुलिस ने बेरहमी से पीटा जिससे सिर में गम्भीर चोटें आई।हम लोगों की जान प्रभु श्रीराम की कृपा से बच गई फिर भी महेंद्र सिंह को राइफल का बट से पीटा गया जिससे कई दिनों तक असहनीय दर्द हुई। इसके बाद 6दिसम्बर 1992को पुष्पनगर के उमाकांत ने पुन कार सेवा में भाग लिया और विवादित ढांचा को ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाई और ध्वंसावशेष को लेकर गांव पुष्पनगर लाए जिसको लोगों ने देखकर आश्चर्य ब्यक्त किया और उमाकांत उपाध्याय की सराहना की। कार सेवकों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में बैठाकर पुलिस अभिरक्षा में उनके घरों तक छोड़ा गया। आज प्रभु श्री राम अपने घर में प्रवेश कर रहे हैं यह बड़ी खुशी का दिन है।


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