संस्कृति विभाग मकर संक्रान्ति से प्रदेश के सभी अध्यात्मिक स्थलों व मन्दिरों में करेगा भजन-कीर्तन- जयवीर सिंह
लखनऊ: मकर संक्रान्ति से प्रदेश के सभी अध्यात्मिक स्थलों व मन्दिरों में भजन-कीर्तन आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम कराये जाने के सम्बंध में मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है। भारत के सामाजिक मूल्यों, नैतिक संस्कारों व आदर्शों की स्थापना के लिए तथा हमारी सनातन संस्कृति एवं मानव मूल्यों के प्रतीक भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में 22 जनवरी, 2024 को उनका भव्य, दिव्य एवं अलौकिक मंदिर का लोकार्पण कार्यक्रम प्रस्तावित है। अपनी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के इस शुभ अवसर पर जन-जन को जोड़ने के लिए प्रदेश के सभी आध्यात्मिक स्थलों व मन्दिरों में भजन-कीर्तन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन संस्कृति विभाग द्वारा कराया जा रहा है। सभी विधायकों, मेयर, जिला पंचायत अध्यक्षों को पत्र भेजकर सभी जन-प्रतिनिधियों से अपने-अपने क्षेत्रों में मन्दिरों का चयन करते हुए भजन-कीर्तन कार्यक्रम में अपनी-अपनी सहभागिता करने का भी अनुरोध किया गया।
यह जानकारी देते हुए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि बाल्मीकि रामायण में उल्लिखित श्रीराम जी के सामाजिक मूल्यों, आदर्शों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर जन मानस को इस अभियान से जोड़ना हमारा लक्ष्य है। इस अवसर पर मन्दिरों में दीप प्रज्ज्वलन/दीपदान के साथ-साथ रामकथा प्रवचन, रामायण/मानस पाठ एवं सुन्दरकाण्ड के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। साथ ही स्थानीय भजन-कीर्तन मण्डलियों द्वारा विभिन्न नगरों में राम मन्दिर प्रतीक रथ एवं कलश यात्राओं का भी आयोजन किया जायेगा। जिनका चयन सूचना विभाग एवं संस्कृति विभाग में पंजीकृत कलाकारों के माध्यम से किया जायेगा और पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से उनका भुगतान नियत दरों पर किया जायेगा।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि मन्दिरों का चयन स्थानीय प्रशासन द्वारा किया जायेगा एवं कार्यक्रम के आयोजन का प्रभावी अनुश्रवण के लिए जिला, तहसील एवं ब्लाक स्तर पर नोडल अधिकारी चयन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आयोजन स्थल पर साफ-सफाई, सुरक्षा, बैठने हेतु दरी, ध्वनि, प्रकाश इत्यादि की व्यवस्था भी संस्कृति विभाग के माध्यम से कराने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि देश एवं प्रदेश के जनमानस में राम मन्दिर को लेकर एक अलग सा ही उत्साह व्याप्त है। इसी के दृष्टिगत जन-जन को उनकी आस्था से जोड़ने के लिए मन्दिरों में भजन एवं कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है।
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