ग्रामीण क्षेत्रों में 58 हजार बीसी सखी रखने वाला पहला.....
यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में 58 हजार बैकिंग करेस्पॉन्डेंट सखी रखने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.आपको बता दें कि करीब आठ हजार बीसी सखियों ने बैकिंग का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है. बाकी महिलाओं का प्रशिक्षण चल रहा है. इन सखियों के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों में बैकिंग लेनदेन के लिए शुक्रवार को 6 बैंकों ने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ करार किया है.
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ग्राम्य विकास विभाग के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह “मोती सिंह”, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास विभाग मनोज कुमार सिंह, ग्राम्य विकास आयुक्त के. रविंद्र नायक की मौजूदगी में आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार ने बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के साथ करार पर हस्ताक्षर किया.इस मौके पर मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह “मोती सिंह” ने कहा कि शहरीकरण की ओर जाने वाले लोगों को गांव में ही बैकिंग की सुविधाएं देने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है. बिना बैंक की शाखाओं पर गए गांव में ही बैकिंग सखी के जरिये गांवों के लोग आसानी से बैकिंग लेन-देन कर सकेंगे. इसके अलावा यह सिर्फ बैकिंग सेवा नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सार्थक कदम है. कोरोना काल में महिलाओं ने शानदार काम किया जिसकी तारीफ डब्ल्यूएचओ ने भी की है. बीसी सखी राज्य में स्वदेशी ग्राम स्वरोजगार को मजबूती प्रदान करेंगी. बैकिंग सखियों के लिए ड्रेस भी तय किया जा रहा है. पूरे प्रदेश में एक रंग में ये सखियां दिखेंगी.गौरतलब है कि बैकिंग सखी को काम करने के लिए जरूरी उपकरण राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा दिया जाएगा.6 महीने तक इन सखियों को हर महीने 4000 रुपये मानदेय दिया जाएगा. सखियों को हार्डवेयर के लिए आसान किस्तों पर 75 हजार रुपये ऋण भी दिया जाएगा.
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