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आज़मगढ़ कलेक्ट्रेट सभागार में उत्तर प्रदेश भूजल (प्रबन्धन एवं विनियमन) की बैठक आयोजित

आजमगढ़ 24 जून-- मुख्य विकास अधिकारी आनन्द कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में उत्तर प्रदेश भूजल (प्रबन्धन एवं विनियमन) अधिनियम-2019 की बैठक आयोजित की गयी।
मुख्य विकास अधिकारी ने सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग के नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होने कहा कि भारी ड्रिल करने वाली मशीनों को हर हाल में उद्योग विभाग में रजिस्ट्री कराना सुनिश्चित किया जायेगा। श्री शुक्ला ने कहा कि प्रत्येक ऐसे सरकारी आवास अथवा अर्द्धसरकारी सभी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली को अनिवार्य रूप से स्थापित किया जाना सुनिश्चित करें।
मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिये कि किसान/घरेलू उपभोक्ताओं को भी नलकूप अथवा बोरिंग के लिए अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि ऐसे सभी उपभोक्ताओं जिन्होने भूजल निकासी हेतु सबमर्सिबल पम्प अथवा अन्य संबंधित उपकरण लगा रखा हैं, उनको प्रत्येक दशा में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली को स्थपित करना अनिवार्य किया जाय।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु प्रत्येक चरण में सभी सरकारी/अर्द्धसरकारी/प्राधिकरणों/सहायता प्राप्त संस्थानों/निजी क्षेत्रों की संस्थाओं/ स्कूल/कालेज/तकनीकी/मेडिकल कालेज इत्यादि मे रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना हेतु 01 वर्ष का समय दिया जायेगा। द्वितीय चरण (प्रथम चरण की समाप्ति के 01 वर्ष के बाद) मे ऐसे अन्य उपभोक्ता जिनके भवनों का क्षेत्रफल 300 वर्ग मी0 से अधिक हो अथवा जिन्होने सबमर्सिबल पम्प लगा रखे हैं, में रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना हेतु 01 वर्ष का समय दिया जायेगा। उक्तानुसार निर्धारित अवधि की समाप्ति के पश्चात सभी उपभोक्ता रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली स्थापित करने के बाद आनलाइन वेब पोर्टल पर सूचित करेंगे। निर्धारित अवधि के पश्चात भी जिन उपभोक्ताओं ने मानक के अनुसार रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली का निर्माण नही किया है, उन पर प्राधिकरण द्वारा जनपदीय परिषद/संबंधित समितियों के माध्यम से निर्धारित अर्थदण्ड/पेनाल्टी वसूलने के निर्देश दिये जायेंगे। ऐसे उपभोक्ताओं के सबमर्सिबल पम्प अथवा समतुल्य उपकरणों को तत्काल सील बन्द कर दिया जायेगा।
उन्होने कहा कि समस्त समितियों द्वारा अपने क्षेत्रों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग के प्रोत्साहन हेतु गोष्ठिया/नुक्कड़ नाटक/कवि सम्मेलन/प्रचार प्रसार कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे। जनपदीय परिषद के द्वारा निष्क्रिय कूपों को पुर्नजीवित करने के कार्य कराये जायेंगे। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जल संचयन के विभिन्न माडलों यथा हैण्डपम्प से गिरने वाले फालतू जल को संचित करने, इत्यादि को जल संचयन की कार्ययोजना में सम्मिलित किया जायेगा। ऐसी समस्त संस्थाएं जिनके द्वारा किसी भी प्रकार के स्कूल/कालेज/इंस्टिट्यूट को मान्यता/एनओसी प्रदान की जाती है, उनको अपने मानकों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना की अनिवार्यता को सम्मिलित करना होगा।
इस अवसर पर भूगर्भ जल विभाग के नोडल अधिकारी/हाइड्रालाजिस्ट, आनन्द प्रकाश ने भूगर्भ जल विभाग के विस्तृत कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया।
उक्त बैठक में इंजीनियर कुलभूषण सिंह, समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायतें सहित समस्त विभागों के नोडल अधिकारी उपस्थित रहे।


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