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अधिवक्ता विरोधी है प्रदेश की बीजेपी सरकार- विकास सिंह

अधिवक्ता विरोधी है प्रदेश की भाजपा सरकार- विकास सिंह
स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद व बरेली मंडल के निर्वाचन अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक में जिस प्रकार अधिवक्ताओं के बगैर रजिस्ट्री कार्य संपादित कराने का निर्देश दिया है, वह अत्यंत ही गैर जिम्मेदाराना है। समाचार पत्रों में उक्त खबर प्रकाशित होने के बाद अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश व्याप्त है। उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव व अधिवक्ता विकास सिंह ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि स्टाम्प व पंजीयन मंत्री खुद एक अधिवक्ता है, ऐसे में उन्हें अधिवक्ताओं की पीड़ा को समझना चाहिए, लेकिन शायद उन्हें उनकी पीड़ा से कोई लेना देना नहीं है। वैसे भी भाजपा सरकार ने अधिवक्ता हित में आजतक कोई कार्य नहीं किया है। वहीं इस कोरोना काल में पूरे प्रदेश में कई अधिवक्ता काल के गाल में समा चुके है और पिछले लॉक डाउन व इस बार के कोरोना कर्फ्यू के चलते कई दिनों से कचहरी बंद होने से हजारों अधिवक्ताओं के सामने भुखमरी के कगार पर पहुंच गए है। लेकिन प्रदेश सरकार उनकी मदद को आगे नहीं आयी। और अब जब किसी तरह अधिवक्ता अपनी रोजी रोटी चला रहा है तो उसमें भी उसके पेट पर लात मारने की तैयारी भाजपा सरकार ने कर ली है। शायद इसीलिए मंत्री जी ने अधिवक्ताओं के बगैर रजिस्ट्री कराने का आदेश दे दिया। सम्पति क्रय व अन्य पंजीकरण विलेख अधिवक्ता के द्वारा तैयार करने से जहाँ भविष्य में दीवानी वाद उत्पन्न होने की आशंका नही होती वही प्रपत्र पर अधिवक्ता टिकट लगने से अधिवक्ता बार के वेलफेयर सोसाइटी को आर्थिक लाभ होता है जिस कोष से वेलफेयर सोसाइटी मृतक अधिवक्ता के परिवार को सहायता देती है अभी सभी जिलों में कोष की कमी से हजारों परिवार सहायता प्राप्त करने से वंचित है वही मंत्री जी द्वारा अधिवक्ता की उपस्थिति बैनामे में आवश्यक न करने से बार का सहायता कोष ( वेलफेयर) शून्य होने की दिशा में गतिमान कर दिया गया है
मैं अधिवक्ता समाज की ओर से उनके इस गैर जिम्मेदाराना रवैये की कड़ी निंदा करता हूँ। साथ ही उन्हें यह याद दिलाते हुए की वह भी एक अधिवक्ता है, उनसे अपने उक्त आदेश को निरस्त करने की अपील करता हूँ।


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