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"ये तुम्हारे बच्चों को किडनैप करवा देंगे" नेताजी की बारे में ऐसी बात सुनकर स्कूल के प्रिंसिपल ने अखिलेश के दाखिले पर लगाई.....

यह साल 1983 के शुरुआती महीने थे। अखिलेश यादव 10 साल के होने वाले थे। पिता मुलायम सिंह यादव चाहते थे कि नन्हें ‘टीपू’ का दाखिला ऐसे स्कूल में हो जहां संस्कारों के साथ-साथ अनुशासन की भी सीख मिल सके। तमाम स्कूलों पर विचार किया गया, जिसमें ग्वालियर का चर्चित सिंधिया स्कूल और धौलपुर का मिलिट्री स्कूल भी शामिल था। मुलायम ने अपने तमाम दोस्तों से बातचीत के बाद तय किया कि अखिलेश का दाखिला धौलपुर के मिलिट्री स्कूल में कराया जाए।
  इसकी एक बड़ी वजह यह थी कि मुलायम के करीबी दोस्त अवध किशोर बाजपेयी के साले शांति प्रकाश मिश्रा उसी स्कूल में अंग्रेजी के टीचर थे। मुलायम का मानना था कि वहां अखिलेश पढ़ाई के साथ-साथ अनुशासन का पाठ तो सीखेंगे ही। साथ ही शांति प्रकाश अभिभावक के तौर पर उनपर नजर भी रख सकेंगे।
  मुलायम के भाई शिवपाल और उनके दोस्त अवध किशोर अखिलेश को दाखिले के लिए धौलपुर मिलिट्री स्कूल ले गए। वहां इंटरव्यू के दौरान स्कूल के प्रिंसिपल ओपी भटनागर ने अखिलेश से तमाम सवाल किए। टीपू ने अधिकतर सवालों का जवाब भी दिया। अखिलेश यादव की जीवनी ‘विंड्स ऑफ चेंज’ में इस घटना का जिक्र करते हुए वरिष्ठ पत्रकार सुनीता एरॉन लिखती हैं कि धौलपुर मिलिट्री स्कूल के प्रिंसिपल ओपी भटनागर अखिलेश के जवाब से संतुष्ट भी थे और उनके दाखिले की सभी औपचारिकताएं लगभग पूरी हो चुकी थीं।
इसी दौरान इटावा के ही रहने वाले भटनागर के एक रिश्तेदार ने उन्हें मुलायम सिंह के बारे में चेताया। उनसे कहा गया कि ”वह (मुलायम सिंह) आपके बच्चों को हॉस्टल से किडनैप करवा लेंगे…”। दरअसल, ये वो दौर था जब मुलायम सिंह यादव पर कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने डकैतों के साथ सांठगांठ और उनकी मदद लेने का आरोप लगाया था।
मुलायम सिंह के बारे में ऐसी बातें सुनकर प्रिंसिपल ने अपना मन बदल लिया और टीपू का दाखिला फंस गया। बाद में मुलायम को पता लगा कि धौलपुर मिलिट्री स्कूल में दो कोटा सीटें भी हैं। फिर उन्होंने आर्मी हेडक्वार्टर के जरिए कोटा सीट पर अखिलेश का दाखिला करा दिया। बता दें कि बाद में धौलपुर मिलिट्री स्कूल के प्रिंसिपल रहे ओपी भटनागर ने अखिलेश के दाखिले पर बात करते हुए कहा था कि, ‘मैंने दाखिले के लिए कड़े नियम-कायदे बना रखे थे। अखिलेश ने टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन किया था और स्कूल के नियमों के मुताबिक ही उनका दाखिला हुआ था।’
आपको बता दें कि बाद में जुलाई 2012 में अखिलेश यादव धौलपुर मिलिट्री स्कूल के गोल्डन जुबली समारोह में बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए थे। उनके लिए बाकायदा रेड कार्पेट बिछाया गया था। उस समारोह में अखिलेश अपने स्कूल के दिनों को याद कर इमोशनल हो गए थे।
स्कूल के दिनों में अखिलेश अपनी पहचान छुपा कर रखते थे। उन्होंने किसी से नहीं बताया था कि वह मुलायम सिंह यादव के बेटे हैं। वे सामान्य बच्चों की तरह अपने कपड़े, जूते वगैरह खुद ही साफ किया करते थे। यह सिलसिला तब भी जारी रहा जब वे ऑस्ट्रेलिया (सिडनी) मास्टर्स की पढ़ाई करने गए थे। हालांकि वहां एक समारोह में दिवंगत राजनेता अमर सिंह और अमिताभ बच्चन के साथ उनकी तस्वीर अखबार में छप गई थी। तब लोगों को उनके यादव परिवार से ताल्लुक रखने की जानकारी हुई थी।।


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