RO/ ARO पर हो सकते हैं बड़े फैसले, साक्ष्यो को एकत्र कर जांच प्रक्रिया में तेजी, आज तक मांगे गए हैं साक्ष्य, सूत्र
लखनऊ:उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा में पेपर लीक और धांधली का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थी दोबारा परीक्षा कराने की मांग पर अड़े हैं। छात्रों का आंदोलन कई दिनों से चल रहा है।
पिछले शुक्रवार को प्रयागराज में महापंचायत का आयोजन कर अभ्यर्थियों ने आयोग के सभी छह गेट को बंद कर दिया था, जिससे आयोग के तमाम अधिकारी और कर्मचारियों को बाहर निकलने में भारी मशक्कत का सामना करना पड़ा था। सोमवार को महापंचायत 2.0 की घोषणा की गई थी। आज आंदोलन कर रहे एक अभ्यर्थी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसे नैनी जेल ले जाया गया है। इसकी जानकारी होने पर अभ्यर्थी और आक्रोशित हो गए।
सोमवार को सवेरे से ही आयोग के चारों तरफ भारी फोर्स तैनात कर दी गई और अभ्यर्थियों को आयोग के आसपास खड़े होने की इजाजत नहीं दी गई। महापंचायत के लिए पहुंचे अभ्यर्थियों को यह कहते हुए सड़क बंद नहीं करने दिया गया कि इससे आवागमन प्रभावित होगा। अभ्यर्थियों को धरना प्रदर्शन के लिए निर्धारित स्थल जाने के लिए कहा गया। इसके बाद बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पत्थर गिरजाघर पर पहुंच गए और आयोग के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
हालांकि इस बीच जो अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर आयोग के गेट के सामने प्रदर्शन करने पर उतारू थे उनको पुलिस ने बल प्रयोग कर मौके से खदेड़ा जिसका अभ्यर्थियों ने कड़ाई से विरोध किया। प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किए जाने को लेकर चारों तरफ काफी विरोध हो रहा है यह बात बार-बार कहीं जा रही है की क्या लोकतंत्र में अपनी मांग को रखने के लिए लाठियां खानी पड़ेंगी वह भी उन अभ्यार्थियों को जो अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं। सरकार को चाहिए कि अभ्यर्थियों के साथ नर्मी से पेश आए और बीच का कोई रास्ता निकालते हुए अभ्यर्थियों के गुस्से और तकलीफ का समाधान निकाले न कि बर्बरतापूर्वक रवैया अपनाए।
हालांकि, आयोग ने पेपर लीक मामले में अभ्यर्थियों से दो मार्च तक ईमेल आईडी roaro2023info@gmail.com पर साक्ष्य मांगे हैं। ऐसे में दो मार्च से पहले आयोग कोई निर्णय नहीं लेने वाला है। इस बीच शासन ने भी अपने स्तर से मामले की जांच शुरू करा दी है और अभ्यर्थियों से नियुक्ति विभाग के ईमेल आईडी secyappoint@nic.in पर 27 फरवरी तक पेपर लीक से संबंधित साक्ष्य मांगे गए हैं।
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