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जीजा ने नाबालिग साली से जबरन किया रेप,प्रेग्नेंट होने पर घर वालों में ट्यूमर होने की बात कहकर करा दिया प्रसव

कौशांबी । जिले में नाबालिग लड़की से रेप के बाद नवजात बच्चे की तस्करी का बेहद सनसनीखेज मामला सामने आया है. आरोप है कि जीजा ने साली से जबरन रेप किया. उसके प्रेग्नेंट होने पर परिजनों से पेट में ट्यूमर होने की बात कहकर एक निजी अस्पताल में ले जाकर प्रसव करा दिया.
प्रसव के बाद डॉक्टरों के साथ साठगांठ कर रेप पीड़िता के नवजात बच्चे की 4 लाख में किसी से सौदा कर लिया. रेप पीड़िता के नवजात बच्चे की तस्करी का मामला संज्ञान में आने के बाद सीडब्ल्यूसी ने पीड़िता और उसके परिजनों का बयान दर्ज किया.
सीडब्ल्यूसी के दखल के बाद पुलिस इस मामले में सुसंगत धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. घटना चरवा थाना इलाके की है. एसपी ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि थाना चरवा इलाके में एक मामला संज्ञान में आया है. एक व्यक्ति पर साली से दुष्कर्म करने का आरोप और बाद में जो बच्चा पैदा हुआ उसे बेचने के प्रयास की बात सामने आई है. इस संबंध में थाना चरवा में सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश की जा रही है. इस घटना के जितने भी दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
जीजा की दरिंदगी की शिकार इस पीड़ित लड़की का शरीर जरूर बड़ा हो गया, लेकिन उसका मन एक मासूम बच्चे जितना कोमल है. पीड़ित की बड़ी बहन अपने पति को छोड़ कर किसी और के साथ भाग गई. जिसका बदला जीजा ने पीड़ित से रेप कर लिया. वारदात के बाद आरोपी जीजा ने जेल जाने के डर से पीड़ित लड़की को डराकर मुह बंद करा दिया. पीड़ित ने जीजा का गुनाह पेट मे छिपाने के लिए 9 माह तक गर्भ को ट्यूमर बता कर नीम हकीम की दवा भी खाई. बच्चे के जन्म के बाद रेप का रहस्य खुला तो आरोपी जीजा फरार हो गया. समाज के डर से पीड़ित के परिवार को कुछ ऐसे असमंजस में उलझाया कि नवजात को बेचने तक की नौबत आ गई. नवजात को अस्पताल में डॉक्टर लाखों रुपये में बेचते उसके पहले यह अपराध खुल गया. अब सीडबल्यूसी के दखल के बाद पुलिस ने पीड़ित से रेप के आरोपी जीजा और नवजात का सौदा करने वाले डॉक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी.
काफी गरीब है परिवार
बता दें कि चरवा थाना इलाके में एक बेहद गरीब व्यक्ति अपने परिवार के साथ रहता है. गरीबी और अशिक्षा के अंधकार मे डूबे दंपत्ति ने एक के बाद एक 7 बच्चों को जन्म दिया. दंपत्ति बच्चों के लिए निवाला जुटाने की कोशिश में उन्हें शिक्षा देना भूल गए. मौजूदा समय मे 2 बेटे 3 बहनों की शादी में हुए कर्ज को उतारने के लिए दिल्ली और मुंबई मे मेहनत मजदूरी करता है. परिवार की 2 बेटियां नाबालिग होने के चलते अभी घर में ही रहती है. छठवे नंबर की बेटी मानसिक रूप से कमजोर है. कष्ट भरी जीवन शैली होने के बाद भी यह मजदूर परिवार अपने घर में सुकून व सुख की रोटी खाकर जीवन गुजार रहा था, लेकिन इनकी खुशियो को किसी की नज़र लग गई.
जीजा को छोड़ चुकी है पीड़िता की बहन
आज से 5 साल पहले परिवार की 5वें नंबर की बेटी शादी के बाद शराबी पति राजन के जुल्म को न सह सकी. वह ससुराल में किसी अज्ञात लड़के के साथ अपने दुधमुहे बच्चे को छोड़कर भाग गई. उसने अपनी नई दुनिया बसा ली. रेप पीड़िता की मां के मुताबिक, बेटी के ससुराल छोड़ कर भागने के बाद उसके दुध पीते बच्चे को उनके अपने घर (ननिहाल) में लाकर परवरिश करने लगी. दामाद राजन कभी कभार बेटे से मिलने आता था. फरवरी 2023 मे वह और उसके पति काम करने गए थे. पीड़ित बेटी घर पर नाती के साथ थी. दामाद ने घर आकार किशोर बेटी से जबरन दुष्कर्म किया. बेटी दामाद की हरकत न बता दे इसके लिए उसे डरा कर चुप करा दिया. बेटी की चुप्पी जब तक टूटी तब तक बहुत देर हो गई थी. पहले तो उन्हें दामाद ने बेटी के पेट मे ट्यूमर होने की बात बता कर उन्हे गुमराह किया. वह शातिर मेरे साथ भरवारी के एक नीम हकीम से जड़ी-बूटी वाली दवा खिलाता रहा. लेकिन बेटी के पेट का आकार बढ़ने के सिलसिला बंद तब हुआ जब पीड़ित ने बच्चे को जन्म दिया.
जीजा ने किया था दुष्कर्म
पीड़िता ने बताया, जीजा घर आए तो वह अकेले उनके बच्चे को खाना खिला रही थी. जीजा नशे में थे, पानी मांगा तो रसोई से निकल कर दूसरे कमरे में आई तो जीजा ने मुंह दबा लिया और उसके साथ गलत काम किया. जीजा ने कहा अगर किसी को तुमने इसके बारे में बताया तो ले जाकर ट्रेन की पटरी पर फेक कर मार देगा. उसके बाद वह चुप रही मां और दीदी ने कई बार पूंछा, लेकिन किसी को कुछ नहीं बताया. पीड़िता की मां ने बताया कि उन्हें बेटी के साथ हुई दामाद की हरकत का जरा सा भी अंदाजा नहीं हुआ. बेटी का गर्भ 8 माह का हुआ तो दामाद उसे बड़े अस्पताल में इलाज कराने के लिए सराय अकिल थाना क्षेत्र के अपने घर लेकर चला गया. जहां के एक निजी क्लीनिक में दवा कराने लगा. बेटी की हाल खबर लेने पर उन्हे फर्जी अल्ट्रा साउंड की रिपोर्ट दिखाई. समय पूरा होने पर जब अस्पताल में बेटी ने बच्चे को जन्म दिया तो उनके होश उड़ गए. बिन व्याही बेटी के मां बनने की खबर ने उन्हें समाज के सामने मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा। दामाद उनके डर से फरार हो गया.
बेटा पैदा होने के बाद परिवार ने अस्पताल में छोड़ दिया था बच्चा
30 नवंबर को सराय अकिल के जनता पाली क्लीनिक मे दुष्कर्म पीड़ित किशोरी ने एक बेटे को जन्म दिया. बेटे के पैदा होते ही परिवार के होश उड़ गए. नार्मल डिलीवरी होने के चलते पीड़ित को 48 घंटे बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई. लेकिन परिवार बच्चे को अस्पताल मे छोड़ कर अपने घर चला आया. पीड़िता के मां के मुताबिक, उसकी तीसरे नंबर की बेटी मौजूदा समय में पेट से है. उसकी डिलेवरी जल्द ही होने वाली है. उन्होने अपनी बेटी के पति ने कहा बच्चा अस्पताल में रहने देते है. जब कल्पना को बच्चा पैदा होगा तो उसे यह कह कर समाज के सामने अपना लेंगे कि कल्पना ने जुड़वा बच्चे को जन्म दिया है. इससे उनकी समाज में इज्जत नहीं जाएगी. रेप पीड़ित व एक अन्य बेटी का रिश्ता होने में कोई अड़चन नहीं आएगी.
डॉक्टरों ने चार लाख में किया मासूम का सौदा
रेप पीड़िता का बच्चा जनता पाली क्लीनिक मे 30 नवंबर के बाद 6 दिसंबर तक रहा. इस दौरान कल्पना को बच्चा नहीं हुआ. नवजात बच्चे को लावारिस समझकर अस्पताल की एक नर्स अंजु देवी डॉक्टर संदीप सरोज व डॉ आशीष मिश्रा के मन मे लालच आ गया. उन्होंने बच्चे का सौदा चायल तहसील के एक परिवार से चित्रकूट जनपद के एक दलाल के जरिये 4 लाख रुपये मे तय कर लिया. रुपये लेकर बच्चा परिवार को देने की तैयारी अस्पताल के डॉक्टर और नर्स कर ही रहे थे कि चित्रकूट के बिचौलिये ने उसे मिलने वाली रकम को लेकर विवाद शुरू कर दिया. जिसके बाद मामला चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी के संज्ञान मे आ गया. सीडबल्यूसी अध्यक्ष कमलेश चन्द्र ने प्रकरण का संज्ञान लिया. आनन फानन मे सीडबल्यूसी के सदस्यों के जरिये दुष्कर्म पीड़ित परिवार एवं बच्चे की खरीद फरोख्त से जुड़े लोगो को तलब कर उनके बयान दर्ज किया गया.
गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज
सीडबल्यूसी अध्यक्ष कमलेश चन्द्र ने बताया कि उन्होने प्रकरण मे पीड़ित किशोरी उसके माता एवं बहन के बयान दर्ज किए है. जिसमे किशोरी के साथ जीजा द्वारा रेप किए जाने, दुष्कर्म के बाद जन्मे बच्चे को लावारिस छोड़ने, एवं अस्पताल के डाक्टरों द्वारा रेप पीड़ित बच्चे का सौदा किये जाने की घटना संज्ञान में आई. प्रकरण को गंभीरता से लेकर किशोर व बाल संरक्षण अधिनियम 2015 के तहत सुसंगत धाराओं में चरवा पुलिस को प्रकरण मे मुकदमा दर्ज कर जांच करने व दोषियों को सज़ा दिलाये जाने के आदेश जारी किये गए है.


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