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हत्या कर दुर्घटना का रूप देने वाले दोनों आरोपित गिरफ्तार

खुटहन (जौनपुर) : स्थानीय थाना क्षेत्र के सेठुआपारा गांव में पखवाड़ा पूर्व बाइक से गिरने के बाद बगल तालाब में तैरती लाश पाये जाने के मामले को भले ही मृतक की पत्नी महज दुर्घटना मान बैठ गई थी। लेकिन पुलिस के गले दुर्घटना की बात नहीं उतर रही थी। प्रभारी निरीक्षक के द्वारा शव को परिवार वालों की इच्छा के बगैर पीएम के लिए भेजा गया था। रिपोर्ट में मृत्यु पूर्व चोटें आने के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू किया। शनिवार को हत्या में सामिल दोनों आरोपितों को पुलिस ने कैराडीह मोड़ से गिरफ्तार कर लिया।

बीते 19 जुलाई की रात दरना गांव निवासी 46 वर्षीय राममूरत राजभर अपनी बाइक पर पड़ोसी फूलचंद राजभर को बैठाकर रानीपुर बाजार से वापस घर लौट रहे थे। उक्त गांव के तालाब के पास उनकी बाइक सड़क की पटरी पर गिरी पड़ी थी। आस पास के लोग बाइक देख उसके चालक की तलाश करने लगे। धीरे धीरे मौके पर भीड़ जमा हो गई। लोगों ने जब टार्च की रोशनी में तालाब की तरफ देखा तो उसका शव पानी तैरता पाया गया। उधर भयभीत होकर मृतक का पड़ोसी फूलचंद दूर भाग गया। घटना की सूचना पुलिस को लेकर शव बाहर निकाला गया। मृतक की पत्नी सुनीता ने तहरीर देकर कहा कि वह बाइक चलाते समय आंख में कीड़ा चले जाने से असंतुलित होकर तालाब में गिर गये। वह शव‌ का अंतिम संस्कार करने को कहने लगी।

प्रभारी निरीक्षक इंस्पेक्टर योगेन्द्र सिंह ने बताया कि शव की स्थिति देखकर हमें दुर्घटना नहीं लग रहा था। उसे कब्जे में लेकर पीएम हेतु भेज दिया गया। रिपोर्ट में मृत्यु पूर्व चोटें आने के बाद शक यकीन में बदल गया। फूलचंद से पूछताछ की गई तो पहले तो वह हत्यारों से भयभीत होकर बात इधर उधर घुमाने लगा। जब उसे सुरक्षा का भरोसा दिलाया गया तो उसने बताया कि दोनों बाइक से घर लौट रहे थे।तालाब के पास पहुंचे थे कि वहां सेठुआपारा गांव निवासी लक्ष्मी नारायण यादव और इसी गांव के नन्हूं उर्फ मोहम्मद नन्हे खड़े थे। दोनों ने बाइक रोकवा लिया। जिसको लेकर आपस में कहासुनी होने लगी। तभी दोनों ने धक्का देकर बाइक नीचे गिरा दिया। डंडा से पीटना शुरू कर दिए। पिटाई से राममूरत बेहोश हो गया। हमने भी बेहोशी का बहाना कर आंखें बंद कर पड़ा रहा। फिर हम दोनों को तालाब में धकेल नन्हे और लक्ष्मी भाग गए। हम तो बाहर आकर दूर जाकर खड़े हो गए। भय वश कुछ बोल नहीं पा रहे थे। मौके पर जुटे लोगों ने शव‌ बाहर निकाला। उसके बाद भी दबंगों के भय से हम मुंह खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। पुलिस की सतर्कता से आरोपित पकड़े गए। वही प्रभारी निरीक्षक योगेन्द्र सिंह की कार्यशैली का लोग खूब प्रशंसा कर रहे हैं।


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