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मुख्यमंत्री योगी ने नर्सिंग एवं पैरामेडिकल संस्थानों की रेटिंग की पुस्तिका का किया विमोचन

लखनऊ: 12 जुलाई, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि विगत 06 वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन किये हैं। आज इसी कड़ी में 02 नये मेडिकल काॅलेज स्थापित करने के लिए एम0ओ0यू0 कार्यक्रम सम्पन्न हुए है। यह दोनों संस्थान प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों, पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली में स्थापित हो रहे हैं।  यह प्रदेश की नयी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री  आज यहां अपने सरकारी आवास पर मिशन निरामयाः के तहत क्वाॅलिटी काउंसिल आॅफ इण्डिया द्वारा नर्सिंग एवं पैरामेडिकल संस्थानों की रेटिंग एवं जनपद मऊ तथा शामली में निजी मेडिकल काॅलेजों की स्थापना हेतु अनुबन्ध के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री  के समक्ष जनपद मऊ तथा जनपद शामली में पी0पी0पी0 मोड पर स्थापित किये जाने वाले मेडिकल काॅलेजों के लिए पी0पी0पी0 पार्टनर के साथ कंशेसन एग्रीमेण्ट पर हस्ताक्षर किया गया। उन्होंने मिशन निरामयाः के तहत क्वाॅलिटी काउंसिल आॅफ इण्डिया द्वारा करायी गयी नर्सिंग एवं पैरामेडिकल संस्थानों की रेटिंग की पुस्तिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने नर्सिंग एवं पैरामेडिकल की गुणवत्ता के सुधार हेतु संचालित ‘मेण्टर-मेण्टी’ कार्यक्रम के अन्तर्गत 08 नई मेण्टर संस्थाओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किये। मुख्यमंत्री जी ने नर्सिंग तथा पैरामेडिकल संस्थानों की रेटिंग प्रदर्शित करने वाली वेबसाइट https://ratings.upsmfac.org 
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 के पूर्व प्रदेश में मात्र 12 मेडिकल काॅलेज थे। आज उत्तर प्रदेश के 45 जनपदांे में सरकारी मेडिकल काॅलेज संचालित हैं। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  की ‘एक जनपद एक मेडिकल काॅलेज’ की परिकल्पना को साकार करते हुए 16 असेवित जनपदों में मेडिकल काॅलेज का निर्माण किया जा रहा है, इनमें 14 सरकारी तथा 02 मेडिकल काॅलेजों का निर्माण पी0पी0पी0 मोड पर किया जा रहा है। गत वर्ष जनपद महराजगंज तथा सम्भल में नये मेडिकल काॅलेज की स्थापना की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया था। आज पी0पी0पी0 मोड पर जनपद मऊ व शामली में मेडिकल काॅलेज की स्थापना के कार्य आगे बढ़ाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि आज से 06 वर्ष पूर्व जनपद शामली तथा मऊ की पहचान दूसरे रूप में थी। जनपद मऊ में लोग माफिया से भयभीत होते थे। जबकि जनपद शामली पलायन के लिए जाना जाता था। इन दोनों जनपदों में मेडिकल काॅलेज की स्थापना एक स्वप्न था, जो आज हकीकत बन रहा है। यह एक उपलब्धि है। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा विभाग तथा जनपद मऊ में राजीव सामाजिक शिक्षा सेवा संस्थान एवं जनपद शामली में ज्ञान चेतना एजुकेशनल सोसायटी को मेडिकल काॅलेजों की स्थापना के लिए बधाई देते हुए कहा कि समयबद्ध रूप से इन मेडिकल काॅलेजों की स्थापना की जाएगी। यह मेडिकल काॅलेज चिकित्सा शिक्षा के साथ ही दोनों जनपदों के सभी नागरिकों को गुणवत्ता युक्त चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेंगे।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि नर्सिंग व पैरामेडिकल के क्षेत्र में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्वाॅलिटी काउंसिल आॅफ इण्डिया का चयन किया गया है। इसके लिए विगत वर्ष मिशन निरामयाः की शुरुआत की गयी थी। आज यह देश में अग्रणी भूमिका निभाते हुए ब्राण्ड बना है। स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में नर्सिंग व पैरामेडिकल बैकबोन का काम करता है। पहले प्रदेश में नर्सिंग व पैरामेडिकल का क्षेत्र उपेक्षित था। इनमें इंफ्रास्ट्रक्चर तथा फैकल्टी की सुविधाएं नहीं थीं। प्रदेश की स्टेट मेडिकल फैकल्टी बीमार थी। इस दृष्टि से मिशन निरामयाः की शुरुआत अत्यन्त महत्वपूर्ण थी। आज इसके परिणाम हमारे सामने हैं।
इसके अन्तर्गत 12 संस्थानों को मेण्टर संस्थाओं के रूप में चयनित किया गया। इन्होंने अन्य संस्थाओं का मार्गदर्शन किया। क्वाॅलिटी काउंसिल आॅफ इण्डिया द्वारा प्रदेश के सभी नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों की रेटिंग तय की गयी। इससे नर्सिंग व पैरामेडिकल के क्षेत्र में अच्छे संस्थानों के चयन के माध्यम से युवाओं के लिए इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के अवसर मिले। आज 08 नई मेण्टर संस्थाओं को प्रमाण पत्र प्रदान किया जा रहा है। यह भी मिशन निरामयाः के साथ जुड़कर कार्य करेंगी। यह संस्थान अन्य संस्थानों के लिए मानक का कार्य करेंगे।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश की 25 करोड़ की आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अच्छे चिकित्सकों के साथ ही नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका है। मिशन निरामयाः के माध्यम से यह कार्य सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ा रहा है। स्टेट मेडिकल फैकल्टी की पूरी कार्य प्रक्रिया को आॅनलाइन करने का कार्य पूर्णता की ओर बढ़ रहा है। यह अच्छा प्रयास है। आने वाले समय में स्टेट मेडिकल फैकल्टी का कायाकल्प हो जाएगा।
हमारा फोकस होना चाहिए कि जो मेडिकल काॅलेज, नर्सिंग तथा पैरामेडिकल काॅलेज मानक पूरा करते हों, उन्हें समय पर मान्यता दी जाए, जिससे वह समय पर प्रवेश की प्रक्रिया से जुड़ सकें। उन्हें आॅनलाइन तथा सेल्फ सर्टिफिकेशन के माध्यम से शासन की सुविधाओं का लाभ प्राप्त हो। जो संस्थाएं मानक को पूरा नहीं करती हों, उन्हें व्यवस्था से बाहर किया जाना चाहिए। किसी भी युवा के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री  ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि मेडिकल एजुकेशन के साथ ही, नर्सिंग तथा पैरामेडिकल के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करते हुए हम देश में अग्रणी संस्थानों की स्थापना करने में सफल होंगे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री  ब्रजेश पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ है। मुख्यमंत्री  प्रदेशवासियों को गुणवत्तायुक्त तथा सस्ती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री  का मानना है कि प्रदेश के सभी मेडिकल काॅलेजों के साथ नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थान भी होने चाहिए। नर्सिंग व पैरामेडिकल के क्षेत्र में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री  के मार्गदर्शन में मिशन निरामयाः की शुरुआत की गयी है।
ज्ञातव्य है कि जनपद मऊ तथा जनपद शामली में प्रत्येक स्थान पर निजी निवेशकर्ता द्वारा लगभग 250 करोड़ रुपये के निवेश से एक निजी मेडिकल काॅलेज स्थापित किया जाएगा।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा  आलोक कुमार, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा  किंजल सिंह, के0जी0एम0यू0 के वाॅइस चांसलर ले0 जनरल डाॅ0 विपिन पुरी, सूचना निदेशक  शिशिर सहित चिकित्सा शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, मेण्टर के रूप में चयनित संस्थानों के प्रतिनिधि, क्वाॅलिटी काउंसिल आॅफ इण्डिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।


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