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चिलचिलाती धूप से जिंदगी हुई बेहाल, तालाबों की हुई आकाल जैसी स्थिति

जौनपुर।  अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में चिलचिलाती धूप से बढ़ी गर्मी के कारण लोग बेहाल हो रहे हैं। सुबह से निकलने वाली कड़ी धूप से जहां मनुष्य पर प्रभाव पड़ रहा है, वहीं पशु पक्षी जानवर सहित पेड़ पौधों भी इससे प्रभावित होने लगे हैं। गांव की गलियां सड़कें व बाजार पर दिन में चढ़ते सूर्य की वजह से सन्नाटा पसर जा रहा है। गांव में  स्थित छोटे छोटे गड्ढे तथा तालाब व पोखरी सूख चुकी है। पानी को एकत्र करने के लिए बनाए गए तालाब में भी अधिकांश जगहों पर पानी नदारद हो गया है। सिंचाई के लिए बनाई गई नहरों में भी पानी पूरी तरह सूखा हुआ है।


मवेशियों को प्याऊ जल और राहत को लेकर इधर उधर भटकना पड़ रहा है लेकिन पानी की एक बूंद नसीब नही हो रहा है क्योंकि तालाब और पोखरी सुख चुकी हैं। 
सड़क बनाने के नाम पर सड़को के किनारे से वृक्षों को काट दिया गया लेकिन एक भी पौधा नही लगाया गया।जो फूल पत्ती लगाए गए थे वो भी बूंद बूंद पानी को तरस रहे हैं।जिसकी वजह से शहर से बाहर निकलने के उपरांत सड़क किनारे रुकना दुर्लभ हो गया है।सबसे बड़ी बात ये हैं कि, सड़को के किनारे यदि हैंडपंप भी नजर आते हैं तो उसमे पानी नहीं रहता।समय रहते इन सुविधाओं को ध्यान में रखा गया होता तो आज आम जन को ये दिन नही देखने पड़ते।

जिले के मोहम्मद अकरम, संदीप सेठ, चंदन, आनंद सिंह, गुरुदयाल आदि ने कहा कि, लंबे समय बाद इस तरह की गर्मी पड़ रही है। जिससे लोगों का जीवन बेहाल हो गया है। रात में हल्की ठंड से लोग सावधानी न बरतने की वजह से बीमारी के चपेट में आते दिखाई दे रहे है। इस संबंध में डॉक्टर रमाकांत त्रिपाठी ने कहा कि, इस मौसम में सभी उम्र के लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। जैसे ही कोई बीमार हो वह पास के डाक्टर से दिखा कर अपना इलाज कराएं अन्यथा स्थिति के अनुसार उचित चिकित्सक की सलाह ले। धूप में बेवजह निकलने से परहेज करें।बाहरी धूप से घर पहुंचने के तुरंत बाद ठंडा पानी ना पिएं।अधिक तेल, मसाला के सेवन से बचे। किसी कारणवश धूप में निकलने से पूर्व शरीर को पूरी तरह ढक लें और खूब पानी पीकर ही कही जाएं। अंत में एक लाइन मेरी तरफ से है कि, मावेसियो तथा पक्षियों के लिए घर के पास पानी अवश्य रखें।


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