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प्रदेश के आलू उत्पादकों को आलू उत्पादन, भंडारण एवं विपणन-निर्यात के लिए सरकार दे रही सहायता - दिनेश प्रताप सिंह

लखनऊः उत्तर प्रदेश के आगरा जनपद में आज इंटरनेशनल बायर सेलर मीट का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  दिनेश प्रताप सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इसके अलावा कार्यक्रम में केंद्र सरकार में मंत्री प्रो. एस पी सिंह बघेल और कृषि उत्पादन आयुक्त  मनोज कुमार सिंह, विषेश सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण  योगेश कुमार तथा निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण  आर0के0 तोमर उपस्थित रहे. इस इंटरनेशनल बायर सेलर मीट में लूलू ग्रुप के डायरेक्टर सलीम जी और अबु धाबी से आए विदेशी मेहमान और तमाम किसान भी शामिल हुए।
कार्यक्रम में मंत्री  दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार के प्रयासों और कृषि उत्पादन आयुक्त की लगन के कारण कृषि के क्षेत्र में अब यूपी का विदेशों में भी नाम हो रहा है। गल्फ कंट्रीज़ में यहां के आलू और तमाम तरह की फसलों की डिमांड हो रही है, इस कारण अब निर्यात बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमें जरूरत है कि आधुनिक तकनीक के जरिए हम ज्यादा से ज्यादा विदेशों में व्यापार कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आलू उत्पादकों को आलू उत्पादन, भंडारण एवं विपणन-निर्यात के लिए सरकार सहायता दे रही है। श्री सिंह ने कहा कि आज हमारे देश में  उद्यान फसलों में आलू, आम केला, हरी मिर्च, सब्जी मटर भिंडी, शहद के उत्पादन में उत्तर प्रदेश से अत्यधिक मात्रा में होता है। औद्यानिक फसल करने वाले किसानों को अब उनकी उपज का निर्यात देश के साथ, विदेशों में होने से आय में वृद्धि होगी। बागवानी विकास के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आलू की अच्छी प्रजातियों के लिए 02 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (हापुड़ और कुशीनगर) में बनाया जा रहा है। इस वर्ष आलू भंडारण के लिए सरकार ने शीतगृहों से भंडारण शुल्क नहीं बढ़ाए जाने को कहा था, जिस कारण शीतगृह एसोसिएशन के माध्यम से भाड़ा नहीं बढ़ाया गया।                                                      
कार्यक्रम के दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त  मनोज कुमार सिंह ने फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के जरिए तकनीक में आई खूबियों के विषय में जानकारी दी। उन्होंने प्रजेंटेशन के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों और फसलों के उत्पादन की तकनीक में आए सुधार को बखूबी समझाया। श्री सिंह ने कहा कि आधुनिक तकनीक की वजह से फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बल मिला है। उन्होंने इस क्षेत्र में किसानों और उत्पादन कर्ताओं के लिए लोन और सब्सिडी के बारे में भी बताया। कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा प्रदेश में बागवानी विकास पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि भारत में प्रदेश के आम, केला, आंवला, अमरूद, आलू, शहद आदि में प्रथम स्थान है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास कार्यक्रमों के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 जारी की गई है, जिसके द्वारा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए अभूतपूर्व निर्णय लिए गए हैं।
बायर-सेलर मीट में एक्स्पोर्ट पोटेन्शियल फ्रॅाम उत्तर प्रदेश, पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) टू स्केल मॉडर्न डिजिटल एक्सपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर इन द स्टेट, मार्केट इन्टरवेन्शन फॉर बेटर प्राइस विषयों पर तीन सेशन का आयोजन किया जिसमें विषय विशेषज्ञों द्वारा महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयीं। मीट में कृषक, कृषक उत्पादक संगठन(एफ0पी0ओ0)/आलू व्यापारी/शीतगृह स्वामी/आयातक व निर्यातक/क्रेता व विक्रेताओं द्वारा प्रमुख बागवानी फसलों-आम, गाजर,  शहद, हरीमिर्च व अन्य सब्जियों के विभिन्न औद्यानिक उत्पादों के स्टाल भी लगाये गयें।


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