13 निकाय क्षेत्रों में राजनीतिक सरगर्मी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। चुनाव की तिथि और सीटों के आरक्षण को लेकर अटकलों का बाजार हुआ गर्म
अतरौलिया आजमगढ़। अल्लामा सिविली के नाम से विख्यात जनपद आजमगढ़ के 13 निकाय क्षेत्रों में राजनीतिक सरगर्मी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। चुनाव की तिथि और सीटों के आरक्षण को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। दावेदार टिकट के लिए नेताओं की परिक्रमा के साथ ही पार्टी में निष्ठावान की भूमिका में आ गए हैं। जिनको पार्टी का टिकट नहीं मिलने की स्थिति है वे पहले से ही निर्दल मैदान में आने को आतुर दिख रहे हैं। ऐसे में जनता के बीच अपनी पैठ बनाने में पूरी मनोयोग से लग गए हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो राजनीतिक फिजा गर्म हो गई है। अंग्रेजों के जमाने में सृजित नगर पंचायत अतरौलिया 28 फरवरी 1860 में अस्तित्व में आई। नगर पंचायत अतरौलिया में निकाय चुनाव 2022 की रणभेरी बजने का इंतजार सभी राजनीतिक पार्टियों को है ।इसके साथ ही राजनीतिक दल से लेकर भावी दावेदार अपनी चाल चल रहे है। जनपद के 13 निकाय क्षेत्रों में राजनीति की शतरंजी बिसात पर वह मात का खेल शुरू हो चुका है। जिन सीटों पर आरक्षण का चाबुक चलने वाला है। वहां सियासत के पंडित अपनी प्यादों को चुनावी अखाड़े में उतारने की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।जो सीटें अनारक्षित होने की संभावना है वहां राजनीतिक महत्वाकांक्षा पाले संभावित दावेदार माहौल बनाने में लग गए हैं। पिछले चुनाव में अतरौलिया नगर पंचायत पिछड़ा वर्ग पुरुष के रूप में आरक्षित की गई थी।और समाज वादी पार्टी के उम्मीदवार सुभाष चंद्र जायसवाल ने बाजी मारी थी। टिकट पाने के लिए वर्तमान में अतरौलिया में सबसे ऊपर भाजपा में दावेदारों की लाइन लग गई है। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी संभावित प्रत्याशियों को आकर्षित कर रही है। जबकि कई बार से चुनाव जीतकर नगर पंचायत की बागडोर संभालने वाले नगर पंचायत अध्यक्ष सुभाष चंद्र जायसवाल सपा की प्रथम सूची में दावेदार हैं। कांग्रेश और बसपा संभावित दावेदारों को आमंत्रित करते हुए अपने खेमे में लाने की रणनीति बना रही है। सारी कवायद अभी सीटों की आरक्षण पर ही निर्भर है। बावजूद इसके साम-दाम-दंड-भेद की बिसात पर इच्छुक दावेदार गणेश परिक्रमा लगाने में जुटे हैं। त्यौहारों, शादी -ब्याह की बधाइयों के माध्यम से अपनी आस्था वाले राजनीतिक दल के रंग में रंगे हुए पोस्टर हर संभावित उम्मीदवार गली, चौराहों पर चस्पा करवा रहे हैं। इस बार कई उभरते सितारे मोहल्ले की राजनीति में अपनी पहचान बनाने को आतुर दिख रहे हैं। जिन वार्डों की आधी आबादी के लिए आरक्षण की व्यवस्था है वहां कई महत्वाकांक्षी अपनी अर्धांगिनी को राजनीति की बिसात पर उतारने की पूरी तैयारी में है। सपा भाजपा से नगर पंचायत चेयरमैन पद के लिए दावेदारों की लंबी कतार लग गई। चाय की दुकानों और चौराहों पर सुबह-शाम चुनावी चर्चा जोरों पर है। सीटों के आरक्षण और टिकट के दावेदारों की सक्रियता पर खूब चर्चा हो रही है। इस बार के चुनाव में युवा दावेदारों की संख्या काफी है। वार्डों में युवा अपनी चुनावी टीम भी तैयार करने में लगे हैं। लोगों का मानना है कि सभी प्रत्याशियों की टक्कर कई वर्षों से रहे चेयरमैन सुभाष चंद जायसवाल से ही है। देखना यह है कि जीत का सेहरा किसके सर बनेगा। यह तो भविष्य ही बताएगा।
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