अतरौलिया शारदीय नवरात्र के प्रारंभ होते ही हुआ आस्था एवं श्रद्धामय
अतरौलिया आजमगढ़। नगर पंचायत अतरौलिया शारदीय नवरात्र के प्रारंभ होते ही आस्था एवं श्रद्धामय हो गया। यह पर्व अत्यंत श्रद्धा एवं आदर तथा मनोकामना पूर्ति हेतु प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
नवरात्र के प्रथम दिन से ही अधिकांश लोगों ने व्रत रखा जिसमें पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या ज्यादा रही तथा अतरौलिया सहित पूरे क्षेत्र में दुर्गा पूजा समारोह मनाने के लिए दुर्गा पूजा समितियों के सदस्य प्रतिमाओं की स्थापना एवं उसमें आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने के लिए जुट गये। क्षेत्र में मां दुर्गा की पूजा एवं दशहरा के आयोजन के लिए नगर को सजाने का कार्य शुरू किया जा रहा है। जगह-जगह दुर्गा पूजनोत्सव के लिए भव्य आकर्षक मंडपों का निर्माण शुरू हो गया है। हालांकि अतरौलिया में दुर्गा पूजा का पर्व दशहरा के पूर्णिमा के दिन से शुरू होता है। जो प्रदेश में स्थान रखता है। इस बार तीन दिवसीय दुर्गा पूजा का मेला 9- 10 -11अक्टूबर को होगा ।तथा समापन 12 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन के साथ होगा। यहां का मेला प्रदेश में स्थान रखता है। नगर के जायसवाल त्रिमुहानी सेवा संघ, शंकर त्रिमुहानी सेवा संघ, स्टेशन रोड मुसाफिर चौक दुर्गा पूजा समित, गोला क्षेत्र, नवयुवक दल सहित दर्जनों पंडाल को सजाने के लिए स्थानीय कलाकारों के साथ साथ बाहर से आए कलाकारों द्वारा मंडप को भव्य बनाने के लिए अभी से जुट गए हैं। नगर पंचायत अतरौलिया एवं क्षेत्र की प्रतिष्ठित थाना रोड स्थित ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर पर नवरात्र के प्रथम दिन से ही सुबह शाम दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रहती है। यहां पर प्रतिदिन मेले जैसा माहौल बना रहता है। इसी प्रकार हनुमान मंदिर, बाबा बालक दास मंदिर, कालेश्वर धाम, शिव मंदिर, पहाड़ी बाबा धाम, बहिरा देव धाम पर दर्शनार्थियों का मेला देखने को मिलता है। क्षेत्र में पूजा- अर्चना से चहल- पहल बढ़ गया है। इस व्रत की वजह से फलों की बिक्री बढ़ गई है। तथा उसके दाम में भी बढ़ोतरी हो गई है। पूजन सामग्री की बिक्री का बाजार गर्म है। लेकिन मां दुर्गा की श्रद्धा व आस्था के आगे मंगाई फीकी पड़ रही है। पूजा समितियों द्वारा जगह जगह मेले की व्यवस्था तथा पंडाल की सुरक्षा के लिए वालंटियर नियुक्त कर मेला को सुचारू रूप से चलाने के लिए सक्रिय दिख रहे हैं। मेला को सकुशल संपन्न कराने के लिए थाना प्रभारी नदीम अहमद फरीदी ने दोनों समुदायों के बीच कई बार शांति समिति की बैठक कर उनकी समस्याओं को सुनकर निस्तारण करने का आश्वासन दिया। तथा मेला संपन्न कराने में पुलिस और पूजा समितियों को एक दूसरे को सहयोग करने की अपील की।तथा मेला समितियों के अध्यक्षों को पूजा पंडाल पर बालू, पानी,ड्रम, अग्निशमन यंत्र आदि रखने की अपील करते हुए कहा कि सावधानी ही सुरक्षा का कारण बन सकता है।
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