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मदरसा के प्रांगण में धूमधाम सालाना जलसा व दस्तारे फजी़लत - अतरौलिया

अतरौलिया आजमगढ़। उर्से मोजद्देदी के मौके पर दारुल उलूम गौसिया हजूरिया खानकाह पहाड़ी सरैया का सालाना जलसा व दस्तारे फजी़लत मदरसा के प्रांगण में धूमधाम से मनाया गया ।जलसे की सदारत हज़रत अल्लामा मौलाना सैयद हामिद हसन जिलानी व सैयद अशरफ जिलानी सज्जादा नशीन खानकाह सरैया ने की। निजामत संचालन मौलाना शरीफुलहक सुबहानी ने किया। जलसे के खास मेहमान हज़रत मौलाना कलीमुद्दीन, हज़रत मौलाना सकीबुर्रहमान आसाम, हज़रत मौलाना वली मोहम्मद बलरामपुरी, हजरत मौलाना नईम अख्तर इमामे खतीब मुबारकपुर, हाफिज ऐनुलहक लखनऊ रहे। जलसे की शुरुआत कारी अबरार अहमद मोदर्रिस दारुल उलूम गौसिया हजूरिया के तिलावते कलाम पाक से किया गया। मुबारकपुर से आए शायर मोहम्मद अहमद मुबारकपुरी ने दारुल उलूम गौसिया हजूरिया के तरक्की को देखते हुए अपने शायरी से इज़हार किया।

रोशनी ही रोशनी हरसू उजाला हो गया गौसिया से इल्म दीं का बोलबाला हो गया

जिसको सुनकर गौसिया के मोदर्रिस, मेंबराने कमेटी व आम जनता झूम उठे। इस अवसर पर नागौर राजस्थान से आए हुए शायर गुलाम मुस्तफा ने आए हुए मेहमानों का दीदार करते हुए तथा मजारों में आराम फरमा रहे दो सूफी संतों का दीदार करते हुए कहा।

खुशबू बता रही है कि गुलशन के फूल हैं

 चेहरा बता रहा है कि आले रसूल हैं

 पढ़कर खूब वाहवाही बटोरी। जलसे में आए हुए तमाम ओलमाए कराम ने गौसिया हजूरिया के तरक्की को देख कर खुशी का इजहार करते हुए तरक्की की दुआ की। तथा कहा कि यह दो सूफी संतों का करम है कि दारुल उलूम गौसिया तरक्की के आसमान को छू रहा है। कहा कि दारुल उलूम गौसिया के प्रिंसिपल हजरत मौलाना अब्दुल मुबीन मिस्बाही व मैनेजर सैयद अहमद हसन एडवोकेट के मेहनत का फल है कि मदरसा तरक्की की राह पर चल रहा है। जलसे की खास मेहमान हजरत अल्लामा मौलाना नईम अख्तर इमामे खतीब मुबारकपुर ने अपनी तकरीर में कहा कि हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम का मकाम हर मकाम से ऊंचा है। हमको चाहिए कि हुजूर सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के बताए रास्ते पर चलकर रोजे नमाज का पाबंद हों। उन्होंने जामिया दारुल उलूम गौसिया के तरक्की की दुआ की। तथा जलसा के संयोजक प्रिंसिपल हजरत अल्लामा मौलाना अब्दुल मुबीन मिस्बाही वह मैनेजर सैयद अहमद हसन एडवोकेट को मुबारकबाद दी। जलसे के खास मेहमान मौलाना वली मोहम्मद बलरामपुरी ने अपनी तकरीर में रोजा और नमाज की पाबंदी पर जोर देते हुए कहा कि नमाज हुजूर के आंखों की ठंडक है। उन्होंने सरकार गरीब नवाज, हजरत गौसुल आजम के मकाम को बताते हुए उनके बताए हुए रास्ते पर चलने के लिए कहा। आए हुए खास मेहमान मौलाना सकीबुर्रहमान बलरामपुरी ने अपनी खिताब में दारुल उलूम गौसिया हुजूरिया के तरक्की की दुआ की तथा जलसे के संयोजक प्रिंसिपल मौलाना

 अब्दुल मुबीन मिस्बाही को मुबारकबाद दी। कहा कि दारुल उलूम गौसिया से फारिग तलबा/ छात्र दीन की खिदमत करेंगे ।यही हमारी दुआ है। उन्होंने दुनियावी तालीम के साथ-साथ दीनी तालीम हासिल करने पर जोर दिया। इन्होंने सरकार गरीब नवाज, हज़रत गौसुल आजम के मकाम को बताया तथा उनके बताए हुए रास्ते पर चलने के लिए कहा। खतीब हज़रत मौलाना कलीमुद्दीन ने लोगों को दीन इस्लाम की बातों को बताते हुए हुजूर के बताए रास्ते पर चलने को कहा। और कहा कि अज़ान के वक्त दुनिया की बातों को छोड़कर नमाज़ की तरफ जाओ, जो मुसलमान जानबूझकर नमाज नहीं पढ़ता अल्लाह फरमाता है कि उससे मेरी कोई ताल्लुक नहीं है। जलसे के अन्त में दारुल उलूम गौसिया हजूरिया से फारिग उत्तीर्ण 18 अट्ठारह फजीलत आलिम,15 पन्द्रह कारी, 5 पांच हाफिजों को हजरत अल्लामा मौलाना सैयद हामिद हसन जिलानी, सैयद अशरफ जिलानी, मौलाना वली मोहम्मद, मौलना सकीबुर्रहमान, मौलाना नईम अख्तर सहित आए हुए तमाम ओलमाये कराम के हाथों से उनके सरों पर साफा बांधकर व झुब्बा पहनाकर हसीन मंजर में सनद देकर फारिग की पगड़ी बांधी गई। ऐसी स्थिति में मदरसे के तलबाओं /छात्रों व मेहमानों ने फारिग हाफिज, आलिम व कारी को फूल मालाओं से लाद दिया। तथा जमकर खैरमकदम किया। मदरसे के प्रबंधक सैयद अहमद हसन एडवोकेट ने जलसे में मौजूद उलमाओं, अंजुमन कमेटियों व तमाम मोदर्रिसों को मोबारकबाद दिया। जलसे के संयोजक प्रधानाचार्य मौलाना अब्दुल मुबीन मिस्बाही ने जलसे की कामयाबी पर खुशी का इजहार करते हुए आए हुए सभी मेहमानों का खैरमकदम किया। जलसे में सैयद माबूद हसन, सैयद अब्दुल मोकीत जाम मियां, मोहम्मद अय्यूब कुरैशी, हाफिज गुफरान अहमद, अब्दुल कय्यूम कुरैशी, मौलाना सेराज अहमद, मौलाना मोहम्मद अली सहित क्षेत्र के आलिम व हाफिज काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।


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