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नेहरू हाल के सभागार में सा0भ0नि0 के डेबिट बाउचरों/क्रेडिट शिड्यूल, एसी/डीसी बिल्स, सहायक अनुदान•••••

आजमगढ़ 07 सितम्बर-- प्रधान महालेखाकार, कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) प्रथम, उत्तर प्रदेश प्रयागराज रामहित की अध्यक्षता में नेहरू हाल के सभागार में सा0भ0नि0 के डेबिट बाउचरों/क्रेडिट शिड्यूल, एसी/डीसी बिल्स, सहायक अनुदान, ऋण, अंतिम भुगतान प्रकरण/मिलान प्रकरणों संबंधी अद्यतन जानकारी, अनपोस्टेड आइटमों एवं अग्रिमों के लेखे के संबंध में विभिन्न विभागों के आहरण वितरण अधिकारियों/प्रतिनिधियों के साथ विस्तार से चर्चा की गयी।
इस अवसर पर प्रधान महालेखाकार ने बताया कि पूंजीगत लेखाशीर्षक 4000 से 5999 के चालानों पर 15 अंकीय वर्गीकरण अंकित किया जाना नितांत आवश्यक है। कोषागार में प्रस्तुत किये गये सभी बिलों पर 15 अंकीय वर्गीकरण, अनुदान संख्या एवं भारित/मतदेय अवश्य लिखा जाना चाहिए तथा उपरोक्त सभी विवरण प्रमाणित कराकर ही चालान बैंकों/कोषागारों में भेजा जाय। इसी के साथ ही प्राप्ति लेखा शीर्षक के चालानों में 13 अंकीय वर्गीकरण अवश्य लिखा जाना चाहिए। 
आगे उन्होने बताया कि प्रायः यह देखा गया है कि विभागों द्वारा एसी बिल आहरित किये जाते हैं, उनके सापेक्ष डीसी बिल कार्यालय महालेखाकार को नही भेजे जाते हैं, जिसके कारण वह धनराशि लेखे में असमायोजित पड़ी रहती है। डीसी बिल्स भेजने के दौरान डीसी बिल में आहरण वितरण अधिकारी का पदनाम, एसी बिल संख्या, दिनांक व लेखा शीर्षक अवश्य अंकित करें एवं एसी बिल के ऊपर लाल स्याही से एसी बिल का अंकन अवश्य करें। उन्होने बताया कि जनपद आजमगढ़ में कुल 66.34 करोड़ का सहायक अनुदान का उपयोगिता प्रमाण देना लम्बित है। इसके लिए उन्होने समस्त आहरण वितरण अधिकारियों से कहा कि अपने-अपने विभागों से संबंधित सहायक अनुदान के सम्बन्ध में यदि उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजा नही गया है तो उसे तत्काल भेजना सुनिश्चित करें। 
उन्होने यह भी बताया कि सामान्य भविष्य निधि पासबुक निर्धारित प्रोफार्मा पर ही बनवायी जाय एवं प्रत्येक माह डेबिट एवं क्रेडिट की पोस्टिंग आहरण वितरण अधिकारी द्वारा सुनिश्चित की जाय। जीपीएफ पासबुक के सभी कॉलम स्पष्ट रूप से भरे जायें एवं आहरण की धनराशि अंकों एवं शब्दों में लिखकर आहरण वितरण अधिकारी से सत्यापित कराया जाय। इसी के साथ ही कर्मचारी के स्थानान्तरण पर उनके एलपीसी पर सामान्य भविष्य निधि लेखा संख्या का उल्लेख अवश्य किया जाय। उन्होने यह भी बताया कि दिनांक 01 अप्रैल 2005 या उसके बाद नियुक्त कर्मचारियों की सामान्य भविष्य निधि में कटौती न की जाय, बल्कि उनका पेंशन अंशदान मद में कटौती की जानी चाहिए और ऐसे कर्मचारियों का सर्वप्रथम प्रान संख्या आवंटित कराकर कटौती करें। 
प्रधान महालेखाकार ने बताया कि सेवानिवृत्त के 6 माह पूर्व से जीपीएफ कटौती बन्द कर दी जाय एवं सेवानिवृत्त के पश्चात किसी भी अभिदाता का अंशदान/एरियर की कटौती सामान्य भविष्य निधि में न किया जाय। उन्होने कहा कि प्रत्येक आहरण वितरण अधिकारी का यह दायित्व है कि प्रत्येक कर्मचारी के वेतन से प्रतिमाह अनुपातिक आधार पर आयकर की कटौती करें। आगे उन्होने बताया कि सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों का सामान्य भविष्य निधि खातों का मिलान कार्यालय महालेखाकार से कराने के बाद ही 90 प्रतिशत भुगतान की कार्यवाही की जाय तथा 10 प्रतिशत अन्तिम भुगतान प्रकरण महालेखाकार कार्यालय को प्रेषित करते समय अग्रसारण पत्र में 90 प्रतिशत भुगतान की प्रति भी संलग्न करें। 
उन्होने समस्त आहरण वितरण अधिकारियों से कहा कि 250000 रू0 से ऊपर के यदि आकस्मिक बिलों का भुगतान किया जाय, तो उन बिलों में जीएसटी-टीडीएस की कटौती आहरण वितरण अधिकारी द्वारा अवश्य किया जाय। 
इस अवसर पर कुछ आहरण वितरण अधिकारियों द्वारा अपने विभाग के कर्मचारियों से संबंधित समस्याओं से अवगत कराया गया, जिस पर प्रधान महालेखाकार द्वारा समस्याओं को सुनकर आवश्यक सुझाव दिये।
इस अवसर पर मुख्य कोषाधिकारी श्री गिरीश चन्द्र, वरिष्ठ लेखाधिकारी श्री आरके सिंह, सहायक लेखाधिकारी श्री बाल्मिकी गुप्ता, कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हक.) प्रथम, उत्तर प्रदेश प्रयागराज सहित विभिन्न विभागां के आहरण वितरण अधिकारी/प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

----जि0सू0का0 आजमगढ़-07-09-2021-----


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