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जल जीवन मिशन के प्रति अधिशासी अभियंता जल निगम के देखरेख में किया गया प्रशिक्षित

मऊ-एक स्थानीय गेस्ट हाउस में राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अंतर्गत राजस्व गांव से आई  आशा बहुओं एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं सहित गांव की अन्य जागरूक महिलाओं को जल जीवन मिशन के प्रति अधिशासी अभियंता जल निगम के देखरेख में प्रशिक्षित में किया गया !जिसमें डी पीएमओ प्रदीप कुमार द्वारा  प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया, जिला कोआर्डिनेटर  नंदलाल जी द्वारा हर ग्राम पंचायत से आई 5 महिलाओं को यह संदेश दिया गया कि आपको एफ टी के किट द्वारा गांव में   पानी की जांच करना है एवं उसकी रिपोर्ट अपने एंड्राइड मोबाइल से शासन को देना होगा।  इंचार्ज श्री अतिउल्लाह जी द्वारा शिक्षण में उपस्थित समस्त महिलाओं को यह जानकारी दी गई कि आप सभी लोगों लोगों को अपने मोबाइल द्वारा रिपोर्ट शासन को भेजनी  होगी जिसके लिए समस्त प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया साथ ही रिपोर्ट भेजने का तरीका भी बताया गया  बाद राज्य स्तरीय प्रशिक्षण सुरेंद्र प्रताप सिंह ने जीवन मिशन के बारे में चर्चा किया उन्होंने बताया कि आज इसकी जरूरत हमें क्यों पड़ी जिसमें उन्होंने बताया कि पृथ्वी पर कितना पानी है उसमें से 97% पानी समुंद्र महासागरों में है बाकी तीन प्रतिशत पानी ही तालाब नदी भूजल में मिलता है इसलिए आज हम लोगों को इस प्रशिक्षण की जरूरत पड़ी क्योंकि बड़े महानगरों में जो स्थिति देखने को मिल रही है वह कल हमारे यहां भी हो सकती है !बड़ी शहरो तथा महानगरों  में यह देखने को मिल रहा है कि लोग पानी के लिए किस हद तक चले जाते हैं लेकिन यही स्थिति रही और हम जागरूक नहीं होंगे तो हमारे क्षेत्र में भी यही समस्या आने वाली है  जो भी हैंडपंप है वह पानी छोड़ने के कगार पर आ चुके इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी बताया कि जिस नल का हम पानी पी रहे हे हैं वह लगभग दूषित हो चुका है इसका कारण यह है कि लगभग 40 फुट तक का पानी खराब है अतः दूषित पानी पीने से हमें तमाम तरह की बीमारियां जैसे क्लोराइड जिसके कारण उच्च रक्तचाप फ्लोराइड जिसके कारण फ्लोरोसिस नाम का रोग होता है इसलिए हमें अपने पानी की जांच करनी होगी और गांव वालों को भी यह समझाने की जरूरत है कि हम जो पानी पी रहे हैं वह पीने योग्य है या नहीं है अगर पीने योग्य है तो पी सकते हैं अगर नहीं है तो नहीं पी सकते सर्वे के मुताबिक यह पाया गया कि पानी की वजह से 80 प्रतिशत बीमारियां उत्पन्न होती हैं जिसमें प्रमुख रुप से दांतों का रोग, पेट से संबंधित , रोग हड्डी , रोग दूषित पानी के वजह से होता है इसलिए आज हम लोग "फील्ड टेस्ट किट " के माध्यम से गांव स्तर पर जाकर हर घर के पानी की जांच कर  अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे ।
एफ टी किट  हमें शासन द्वारा उपलब्ध होगी एवं इसकी जांच करने के बाद जब हम रिपोर्ट शासन को भेजेंगे शासन द्वारा प्रतिभागियों द्वारा प्रैक्टिकल के रूप में स्पाम गेस्ट हाउस के जल को जांच की गई जिसमें h2s वायल द्वारा जांच करने पर पता चला कि पानी में जीवाणु नहीं इसी प्रकार से पीएच पेपर द्वारा भी जांच की गई जिसमें मानक के अनुरूप जांच सही मिली।  प्रतिभागियों से 10 जांच कराकर उन्हें प्रशिक्षित किया गया  सामाजिक एवम संस्कृति विकास संस्थान के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर मोहम्मद शमी अंसारी द्वारा बताया गया कि जनपद के सभी 9 खंडो में 7310  प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया जाना था   जिसमें रानीपुर, मोहम्मदाबाद गोहना, घोसी, बडराव,रतनपुरा ,फतेहपुरमंडाव, प्रशिक्षण संपन्न हो गया है जिसमे कुल 5500 को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।परदाहा , दोहारीघाट में संचालित है कार्यक्रम में मुख्य रूप से,गुड़िया,नीलम, सुनैना, निरमा, सरिता,रीना, करिश्मा,मंजू, मंशा,रिंकू,आशु,रानी, आदि लोग उपस्थित रहे।


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