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जन गौरक्षा और संवर्धन हेतु आगे आए-अवधूत कपाली बाबा

कादीपुर सुल्तानपुर : आम जन गौरक्षा और संवर्धन हेतु आगे आए-अवधूत कपाली बाबा,07 नवंबर 1966 को संसद के बाहर गौ रक्षार्थ प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों गौ भक्तो के बलिदान ब्यर्थ नहीं जायेगा। इस प्रकार की घटना सदैव हृदय में चुभती रहती है. गौ पालन लाभ हानि के हिसाब से नहीं, बल्कि कामधेनु के भाव से किया जाता है. इस बात पर कोई संघर्ष करता है तो निश्चित रूप से पीड़ा होती है. भारत का किसान और असंख्य गौ भक्त गौ माता की रक्षा मानव कल्याण हेतु करता है.
उपरोक्त बातें भारतीय गौ रक्षा वाहिनी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अघोर पीठ बाबा सत्यनाथ मठ अल्देमऊ नूरपुर कादीपुर के पीठाधीश्वर अवधूत कपाली बाबा ने मठ पर गौरक्षा और संवर्धन विषय पर आयोजित संगोष्ठी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि गौ रक्षा का मामला आस्था, संस्कृति व आध्यात्मिक भावना से जुड़ा होने के साथ-साथ उसके आर्थिक, सामाजिक व वैज्ञानिक पहलू और अधिक महत्त्वपूर्ण हैं. जहां वैदिक काल से गौ ह्त्या प्रतिबंधित थी, वहीं मुगल शासकों ने भी निषेध का प्रयास किया. वैज्ञानिक तथ्यों ने पुष्टि की है कि गाय में पाए जाने वाले 80% जीन्स वही हैं जो मनुष्य में पाए जाते हैं. एक पौण्ड बीफ में 1800 गैलन पानी लगता है तथा पर्यावरण संतुलन के लिए बहुत ही घातक है. उन्होंने कहा कि संविधान के नीति निदेशक तत्वों की मूल भावना को समझकर अनेक राज्यों ने कानून बनाए हैं तथा हमने बंगलादेशी सीमा पर बड़े पैमाने पर होने वाली गौ तस्करी को रोका है, किन्तु अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है.

संगोष्ठी में पत्रकारो व प्रबुद्ध लोगों को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय क्रान्तिकारी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने कहा कि सवा सौ करोड़ नागरिकों के इस देश में लगभग सवा लाख गौओं का प्रतिवर्ष वध क्या इसलिए किया जाता है कि वह केवल हिन्दुओं की माँ है? वेदों में गौ हत्यारे को शीशे की गोली से मारने की आज्ञा है. गौ हत्यारे व उनके समर्थक-पोषक हिन्दू समाज के धैर्य की परीक्षा न लें।दलित समाज ने गौ रक्षा हेतु सदैव बलिदान दिए हैं, किन्तु कुछ लोग आज साजिश के तहत समाज तोड़ने का कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गाय जोड़ती है तोड़ती नहीं. मुस्लिमो के पवित्र ग्रंथ क़ुरान से लेकर मुहम्मद साहब तक सभी ने गौ दुग्ध को अमृत व गौ मांस को ज़हर की संज्ञा दी है। इसलिए आज प्रत्येक ब्यक्ति को गौरक्षा एवं संवर्धन हेतु आगे आना चाहिए जिस तरह से हम व्यक्ति को भूखे पेट नहीं सोने देते ठीक उसी तरह हमें भी लावारिस गौवंशो के लिए प्रयत्न करने की आवश्यकता है।इस मौके पर राष्ट्रीय क्रान्तिकारी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कृष्णा पाण्डेय, काशी के मोहन सिंह,फौजी किशनलाल गौड़, आशीष राय,प्रणव राय, पूर्व प्रधानाचार्य हनुमान प्रसाद सिंह, भाजपा के पूर्व मण्डल अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह, डाक्टर साहिल, शिव भूषण सिंह, गुड्डू सिंह, अरविन्द सिंह,विजय गिरी, आचार्य अनुज शुक्ला सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार आशुकवि मथुरा प्रसाद सिंह जटायु ने किया।


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