समलैंगिक संबंधों के मामले में एक रोचक कहानी....
केरल हाई कोर्ट ने मंगलवार को समलैंगिक रिश्ते पर एक बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने आदिला द्वारा दायर हैबियस कापर्स याचिका पर समलैंगिक प्रेमी जोड़े आदिला नसरीन (22 ) और फातिमा नूरा (23) को एक साथ रहने की अनुमति दे दी। आदिला नसरीन ने कहा, यह कठिन था और हमें भावनात्मक रूप से थका दिया। हमें कुछ विशेष समुदाय के लोगों का भरपूर समर्थन मिला। केरल हाई कोर्ट के आदेश से हम खुश और स्वतंत्र हैं। दरअसल, हम पूरी तरह आजाद नहीं हैं क्योंकि हमारे परिवार अब भी हमें धमका रहे हैं आदिला द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर कोर्ट ने एक साथ रहने की अनुमति दी है. याचिका में नसरीन ने कहा था कि उसकी सहेली को उसके माता-पिता कथित तौर पर जबरन उसके घर से उठा ले गये ।
याचिका में आरोप लगाया है कि उसकी सहेली को उसके माता-पिता ने कथित तौर पर कैद करके रखा है. आदिला ने याचिका में कहा, “19 मई को, मैं कोझिकोड पहुंची और फातिमा से मिली कुछ दिनों तक हम कोझिकोड में एक शेल्टर होम में रहे, लेकिन जब रिश्तेदारों ने उन्हें उस स्थान पर ढूंढ लिया तो पुलिस ने हस्तक्षेप किया, अदालत ने शुरू में पुलिस से कोझिकोड निवासी महिला को अदालत के समक्ष पेश करने के लिए कहा जब कोझिकोड निवासी महिला पीठ के समक्ष उपस्थित हुई, तो उसने कहा कि वह अपनी याचिकाकर्ता सहेली के साथ रहना चाहती है ।
न्यायमूर्ति विनोद चंद्रन की पीठ ने स्पष्ट किया कि अडल्टस के लिए एक साथ रहना प्रतिबंधित नहीं है । हाईकोर्ट ने आदिला नसरीन द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का भी निपटारा किया । कोर्ट के फैसले के बाद आदिला नसरीन ने कहा कि ये कठिन था और हमें भावनात्मक रूप से थका दिया गया केरल उच्च न्यायालय के आदेश से, हम खुश और स्वतंत्र हैं ।
मूल रूप से एर्नाकुलम निवासी याचिकाकर्ता महिला ने अपनी सहपाठी के साथ समलैंगिक संबंधों, दोनों के परिवारों के विरोध और सहेली को कथित तौर पर उसके परिवार द्वारा जबरन उठा लिए जाने की घटना पर ध्यान आकर्षित करने के लिए शुरुआत में सोशल मीडिया का सहारा लिया था. उसने सोशल मीडिया पर अपने वीडियो पोस्ट में आरोप लगाया था कि न केवल उसकी सहेली का परिवार उसे जबरदस्ती उठा ले गया, बल्कि पुलिस ने भी उसे वापस लाने के लिए कुछ नहीं किया ।
मिली जानकारी के अनुसार दोनों महिलाएं एक-दूसरे से सऊदी अरब में तब मिलीं, जब वे कक्षा 11वीं में पढ़ रही थीं तब दोनों को एहसास हुआ कि वे समलैंगिक हैं और दोनों एक-दूसरे से प्यार करती हैं ग्रेजुएशन के बाद दोनों ने साथ रहने का फैसला लिया लेकिन उनके रिश्तेदारों ने इस रिश्ते पर आपत्ति जताई भारत वापस आने पर भी दोनों ने अपने संबंधों को जारी रखा लेकिन जब दोनों के परिवार को इसकी जानकारी हुई तो वे इस रिश्ते को तोड़ने पर अड़ गए पर दोनों हार नही मानी और अंत मे कोर्ट द्वारा दोनो को साथ रहने की मंजूरी मिली तो खुशी हुई पर अंदर ही अंदर अब भी परिवार और समाज को लेकर भय व्याप्त हैं ।।
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