राम कथा सुनकर भक्त हुए भक्तिमय
लालगंज आजमगढ़,। रामचरितमानस के मर्मज्ञ, भागवत कथा वाचक, श्याम सुंदर पांडेय ने भक्त जनों को भागवत कथा सुनाते हुए कहा कि मृकंदु ऋषि और उनकी पत्नी मरुदमती पुत्र न होने के दुख से दुखी थे। उन्होंने भगवान शिव से पुत्र प्राप्ति हेतु प्रार्थना की। एक दिन भगवान शिव दंडी स्वामी के रूप में पुत्र के दुख से दुखी होकर विलाप कर रहे मृकंदु ऋषि के सम्मुख पधारे ।उन्होंने कहा कि हे ऋषि आप साधु हैं। आपको इस तरह विलाप नहीं करना चाहिए।मृकंदु ऋषि ने कहा कि हे दंडी स्वामी !पुत्र के बिना जीवन अधूरा होता है। पुत्र नर्क से पार ले जाने वाला होता है। दंडी स्वामी ने कहा हे ऋषि आपको सात जन्मों तक पुत्र प्राप्त होना नहीं लिखा है। तब मृकंदु ऋषि ने कहा कि हे दंडी स्वामी! आप नि:सन्देह भगवान भोलेनाथ ही हैं। आप मुझे पुत्र होने का वरदान दें। भगवान शिव के आशीर्वाद से उनके घर विद्वान किन्तु अल्पजीवी पुत्र मार्कंडेय ऋषि पैदा हुये, जिन्होंने अपने तपोबल से यमराज को भी वापस लौटने पर विवश किया । इस अवसर पर ओमप्रकाश सिंह, ज्ञानमती सिंह, अयांश सिंह, प्रज्ञा सिंह, वंदना, निहारिका,शिलान्यास, समृद्धि आदि लोग विशेष रूप से उपस्थित रहे।
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