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स्कूली बच्चों ने सीखे जीवन जीने के नुस्खे जीवन विज्ञान सर्वांगीण विकास की शिक्षा मुनि सिद्धप्रज्ञ

 

राजसमंद। अंटालिया युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के नये शिष्य मुनि सिद्धप्रज्ञ जी ने राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय अंटालिया में विद्याथिर्यों के समक्ष बोलते हुए कहा आज इस स्कूल में आकर मुझे आचार्य श्री तुलसी की स्मृति हो गई | आज से 36 साल पहले जब मैं मुमुक्षु था तब आचार्य तुलसी के साथ यहां आया था |  मुनि सिद्ध प्रज्ञ ने  बच्चों को जीवन विज्ञान का प्रक्षिक्षण देते हुए कहा जीवन विज्ञान जीवन जीने की कला का विज्ञान है इससे विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास होता है। मुनि ने सुंदर लेखनी के लिए हाथों की क्रियाएं , आलस्य मुक्ति के लिए कान की क्रियाएं , स्मृति विकास के लिए मंत्र विद्या का प्रयोग सिखाये | 
 मुनि श्री ने कहा जैसा व्यक्ति प्रारंभ से जीवन का लक्ष्य बनाता है वैसा वह एक दिन बन जाता है अच्छे संकल्प करने से व्यक्ति अच्छा बनता है। सर्वांगीण विकास के लिए सही संकल्प करना कारगर उपाय है।  | इस अवसर पर मुनि श्री ने प्रेक्षा ध्यान जीवन विज्ञान के प्रयोग कराते हुए बच्चों को अनुव्रत विद्यार्थी नियम बताएं बड़ी संख्या में उपस्थित बच्चों ने आत्म साक्षी से इन संकल्पों को स्वीकार किया | शतावधानी मुनि संजय कुमारजी की प्रेरणा से कार्यक्रम हुवा।  विद्यालय के प्राचार्य श्याम बिहारी शर्मा ने मुनि श्री का स्वागत करते हुए कहा मेरा सौभाग्य रहा कि मुझे लाडनूं और जयपुर में आचार्य तुलसी और आचार्य महाप्रज्ञ जी के  दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ मेरी इच्छा भी थी कि मैं आचार्य तुलसी के ऊपर पीएचडी करूं किंतु परिवार वालों ने अनुमति नहीं दी पर मेरे मन में जैन साधु के प्रति श्रद्धा का भाव है | मुनी जी ने आज हमारे स्कूल में पधार कर हमें जो जीवन विज्ञान की शिक्षा दी उसे हम आत्मसात करेंगे | शर्मा जी ने आभार व्यक्त करते हुए पुनः आगमन हेतु निवेदन किया | 
कार्यक्रम के संयोजन में श्री प्रकाश जी सोलंकी का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ | कार्यक्रम में तेरापंथ समाज की ओर से श्रीमती मोनिका राठौड़ एवं अक्षय सोलंकी विशेष रूप से उपस्थित थे |


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