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विश्वकर्मा पूजा के दिन यानी कल केजरीवाल देंगे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा

 

नई दिल्ली। जेल से छूटने के दो दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे मंगलवार, 17 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। गौरतलब है कि वे दो दिन पहले शुक्रवार, 13 सितंबर को जमानत पर जेल से बाहर आए। जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कई शर्तें लगाई हैं, जिसके बाद दिल्ली की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा केजरीवाल से इस्तीफा देने की मांग कर रही थी। हालांकि केजरीवाल ने सभी गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है कि अगर केंद्र की मोदी सरकार किसी को गिरफ्तार करे तो उन्हें इस्तीफा देने की जरुरत नहीं है।

बहरहाल, केजरीवाल रविवार को आम आदमी पार्टी के दफ्तर में पहुंचे और वहां नेताओं व कार्यकर्ताओं के सामने इस्तीफे का ऐलान किया। उन्होंने कहा- भाजपा ने मुझ पर बेईमानी, भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, अब जनता की अदालत में मेरी ईमानदारी का फैसला होगा। दो, तीन दिन में विधायकों की बैठक में नया सीएम चुना जाएगा। केजरीवाल ने कहा- चुनाव तक मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। मनीष सिसोदिया भी कोई पद नहीं लेंगे, उनका भी यही सोचना है। केजरीवाल फरवरी 2015 से दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। उससे पहले वे दिसंबर 2013 में 49 दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे।

दो दिन बाद 17 सितंबर को इस्तीफा देने के सवाल पर बाद में राज्य सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा- आज रविवार है, सोमवार को ईद की छुट्‌टी है। वर्किंग डे 17 सितंबर को है। इस वजह से अरविंद ने दो दिन का समय लिया है। गौरतलब है कि 17 सितंबर को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 74वां जन्मदिन है। वे उस दिन सुबह कुछ घंटे गुजरात में रहेंगे फिर ओडिशा जाएंगे। उसी दिन केजरीवाल उप राज्यपाल को इस्तीफा सौंपेंगे। उसी दिन नए नेता का चुनाव भी हो सकता है।

अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए केजरीवाल ने कहा- जनता को तय करना है कि केजरीवाल ईमानदार है या बेईमान। चुनाव के बाद जनता ने चुना तो पद पर बैठूंगा। चुनाव होने तक पार्टी दो, तीन दिन में नया मुख्यमंत्री चुनेगी। माना जा रहा है कि केजरीवाल के मंत्रियों में से किसी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल के नाम की भी चर्चा है। बहरहाल, केजरीवाल रविवार को पार्टी कार्यालय में भगत सिंह की जेल में लिखी किताब ‘भगत सिंह की जेल डायरी’ लेकर पहुंचे थे। उन्होंने कहा- भगत सिंह के खत अंग्रेज बाहर ले जाते थे। मैं जेल में था, मेरी चिट्ठी एलजी तक नहीं पहुंचाई गई। मुझे धमकाया गया कि दोबारा ऐसा ना करूं।

केजरीवाल ने अपने को क्रांतिकारी बताते हुए कहा- भगत सिंह के बाद, 90-95 साल बाद आजाद भारत में एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री जेल गया। 15 अगस्त से तीन दिन पहले एलजी से कहा था कि मेरी जगह आतिशी को तिरंगा फहराने दिया जाए। चिट्ठी एलजी तक नहीं गई। उन्होंने आगे कहा- जब 14 साल के बाद भगवान राम वनवास से लौटे तो माता सीता को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। आज मैं अग्निपरीक्षा दूंगा। केजरीवाल ने कहा- मैं सभी नॉन भाजपा सीएम से प्रार्थना करता हूं। अगर पीएम जेल भेजें तो इस्तीफा मत देना। हम सबको मिलकर लड़ना है। बहुमत से सरकार आई और मुख्यमंत्री इस्तीफा दे दे। इनका फॉर्मूला आम आदमी पार्टी ने फेल कर दिया।

 


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