MLA की खरीद विना कानून के कर सकते हैं, लेकिन MSP पर कानून नही बना सकते, बोले....
तृणमूल कांग्रेस में जबरदस्त टक्कर देखने को मिलने वाला है। चुनाव से पहले टीएमसी के कई प्रमुख नेताओं का बीजेपी में शामिल हो जाना ममता बनर्जी की सरकार के लिए एक चुनौती बना हुआ है। इसी बीच कल टीएमसी के 3 बागी विधायक और 2 नेता स्पेशल फ्लाइट से दिल्ली आए और अमित शाह से मिले। गृहमंत्री की मौजूदगी में ये सभी नेता बीजेपी में शामिल हो गए।
इसी बात पर वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेई ने एक ट्वीट किया है और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘एमएसपी पर कानून बना फसल खरीद नहीं सकते, बजट खासा बड़ा है। MLA की खरीद बिना कानून कर सकते हैं..बजट की कोई चिंता नहीं।’ आपको बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच का गतिरोध बरकरार है। किसान दो महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं।
उनकी मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी पर कानून बनाए। सरकार किसानों को यह भरोसा दिलाने में लगी हुई है कि एमएसपी को खत्म नहीं किया जाएगा। लेकिन कानून बनाने को लेकर सरकार राजी नहीं है। इन्हीं दोनों घटनाक्रमों को जोड़कर पुण्य प्रसून बाजपेयी ने सरकार पर टिप्पणी की।पुण्य प्रसून बाजपेयी के ट्वीट पर यूजर्स की मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। विनोद कुमार नाम के यूज़र ने लिखा, ‘गाज़ीपुर बोर्डर पर 50 सरकारी बसें लगाकर किसानों को तो नहीं उठा पाए मगर चार्टेड विमान से टीएमसी के विधायक उठा लाए।’ मितेश नाम के यूज़र ने लिखा, ‘किसान का आलू 6 रुपए किलो है, इसलिए वो दुखी है, हमें मिलता है 30 रुपए किलो इसलिए हम दुखी हैं। बीच के 24 रुपए खाने वाले धरने पर बैठे हैं क्योंकि अब वे दुखी हैं।’
रमाशंकर शर्मा ने लिखा, ‘सरकार न खरीदे। बस ये कानून बना दे कि एमएसपी से नीचे कोई भी उपज कोई नहीं खरीद सकेगा। इससे सब सुधर जाएगा।’ मुनीराम मीणा ने लिखा, ‘द्रौपदी के आंसू कौरवों का वंश ले डूबे थे, राकेश टिकैत के आंसू मोदी सरकार को ले डूबेंगे ।।
Leave a comment