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जमानत मिलने के बाद भी अरविंद केजरीवाल नहीं जा सकते अपने ऑफिस फाइल पर साइन करने पर भी प्रतिबंध


नई दिल्ली -दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शीर्ष अदालत के द्वारा जमानत तो दे दी गई है लेकिन यह जमानत सशर्त जमानत है इसमें केजरीवाल के ऊपर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं बताते चलें कि जब तक वह बाहर रहेंगे तब तक वह उन कामों को नहीं कर सकेंगे जिन कामों को करने पर प्रतिबंध लगाया गया है|


केजरीवाल समाज के लिए खतरा नहीं
केस के गुणदोष के आधार पर नहीं किया जाएगा 
किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते केजरीवाल
जमानत के दौरान अरविंद केजरीवाल नहीं कर सकते ये काम
शीर्ष अदालत ने जमानत देने के दौरान कुछ शर्तें भी अधिरोपित की है जिसमें कि केजरीवाल को यह आदेशित किया गया है कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जाएंगे ।

इसके साथ ही कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है की अंतरिम जमानत जो दी गई है उससे उसका केस की मेरिट से कोई मतलब यानी निर्धारित नहीं है अर्थात केस के गुण-दोष  पर कोई विचार नहीं किया जाएगा|
सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को मिली 21 दिन की जमानत  ED का विरोध नहीं आया काम 
केजरीवाल समाज के लिए खतरा नहीं
 ज़मानत देने के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि केजरीवाल का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है इसके साथ ही वह आदतन अपराधी भी नहीं हैं केजरीवाल दिल्ली के निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं और चुनाव के दौरान प्रचार के लिए उन्हें अंतरिम राहत दी जा सकती है इससे कोई नुकसान नहीं होगा वह समाज के लिए खतरा भी नहीं है हालांकि केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करके दोबारा जेल दाखिल होना होगा|

केस के गुणदोष के आधार पर नहीं किया जाएगा 
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए यह स्पष्ट किया कि मुकदमे की मेरिट पर कुछ नहीं कहा गया है सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की शर्तों का उल्लेख करते हुए यह कहा कि जमानत देने का मतलब केस के गुण-दोष के आधार पर विचार नहीं किया जाएगा|
किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते केजरीवाल
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा शुक्रवार को यह कहा गया कि जमानत की शर्तों के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी अंतरिम जमानत के दौरान और ना तो अपने कार्यालय व दिल्ली सचिवालय जा सकेंगे इसके साथ ही वहाँ किसी भी सरकारी फाइल पर हस्ताक्षर भी नहीं करेंगे जब तक कि उपराज्यपाल की मंजूरी प्राप्त करने के लिए ऐसा अत्यंत आवश्यक ना हो माननीय सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मौजूदा मामले में अपनी भूमिका को लेकर केजरीवाल किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।

और किसी भी गवाह के साथ ना तो बातचीत करेंगे और ना ही प्रभावित करने का प्रयास करेंगे मामले से जुड़े हुए किसी भी अधिकारिक फाइल तक अरविंद केजरीवाल की कोई पहुँच नहीं होगी कोर्ट ने यह भी कहा कि इस बात में ज़रा भी संदेह नहीं है कि उनके खिलाफ़ गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं लेकिन अभी तकवे दोष सिद्ध नहीं हुए हैं|


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