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मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधियों तथा प्रगतिशील गन्ना किसानों को किया सम्मानित

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि विगत 06 वर्षों में प्रदेश के गन्ना विभाग ने अनेक उपलब्धियां हासिल की है। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  ने देश तथा प्रदेश के गन्ना किसानों के हित के लिए विभिन्न कार्यक्रम लागू किए। इस क्षेत्र में किए गए सुधारों का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य से सबसे अधिक चीनी उत्पादन करने वाले राज्य में बदल गया है। साथ ही, सबसे बड़े एथेनॉल उत्पादक राज्य तथा खाण्डसारी की सर्वाधिक यूनिट वाला राज्य भी उत्तर प्रदेश है। उत्तर प्रदेश की मिठास को गन्ने ने दुनिया में पहुंचाया है।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में राज्य गन्ना उत्पादन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रमाण पत्र वितरण, 25 सहकारी गन्ना तथा चीनी मिल समितियों के नवनिर्मित भवनों का डिजिटली लोकार्पण करने के बाद आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर राज्य गन्ना उत्पादन प्रतियोगिताओं के विजेता किसानों से संवाद किया। मुख्यमंत्री  ने 04 गन्ना समितियों के प्रतिनिधियों, 08 चीनी मिलों के प्रतिनिधियों तथा प्रगतिशील गन्ना किसानों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि 06 वर्ष पूर्व किसानों को पर्ची की चोरी, घटतौली जैसी समस्याओं से परेशान होना पड़ता था। समय से गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं होता था। वर्ष 2017 में प्रदेश में हमारी सरकार के गठन के समय वर्ष 2010 से लेकर 2017 तक सभी वर्षों का गन्ना मूल्य भुगतान बाकी था। सरकार ने चीनी मिल मालिकों के साथ संवाद बनाया, जिसमें चीनी मिल मालिकों ने सकारात्मक भाव से साथ दिया। मिशन मोड पर कार्य करते हुए राज्य सरकार ने गन्ना किसानों के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराया।
मांग और पूर्ति बाजार का नियम है। जब चीनी ज्यादा होती है तो इसकी मांग कम होती है और बाजार में उचित दाम नहीं मिलता है। चीनी मिल मालिकों ने सरकार से एथेनॉल बनाने की अनुमति मांगी, जिससे वे समय पर किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान कर सकें। प्रधानमंत्री जी ने इसके लिए सहमति प्रदान की। आज ज्यादातर चीनी मिलें चीनी के साथ एथेनॉल भी बना रही हैं। एथेनॉल के माध्यम से उत्तर प्रदेश ग्रीन एनर्जी का केन्द्र भी बन रहा है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि गन्ना क्षेत्र में प्रगति के लिए दो पहिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इनमें एक पहिया किसान तथा दूसरा पहिया चीनी मिलें हैं। जब दोनों पहिए साथ-साथ चलेंगे तभी विकास और प्रगति होगी। दोनों में सन्तुलन बनाना होगा। सरकार आपके साथ है। आज यहां चीनी मिल मालिकों तथा गन्ना उत्पादन प्रतियोगिता के 03 वर्षों के विजेता किसानों को सम्मानित किया गया है। इन किसानों के कार्यों का प्रदर्शन किया जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश की धरती में एक एकड़ में 1000 कुन्तल गन्ना उत्पादन की क्षमता है। इन किसानों ने एक एकड़ में 1000 कुन्तल गन्ना उत्पादन के हमारे स्वप्न को साकार किया है। प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम्, आज यहां इस कार्यक्रम में 2640 कुन्तल प्रति हेक्टेयर गन्ना उत्पादन करने वाले किसान भी मौजूद हैं। हमारे अन्नदाता किसानों ने अपनी सामर्थ्य तथा परिश्रम से यह सिद्ध किया है कि यदि हम थोड़ा सा भी प्रयास करें, तो उत्तर प्रदेश की धरती से इतना गन्ना उत्पादन हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें देश में सबसे अच्छी रिकवरी कर रही हैं। प्रधानमंत्री  के महिला स्वावलम्बन तथा मिशन शक्ति के विजन को आगे बढ़ाने के लिए 3,171 महिला स्वयंसेवी समूहों में 59 हजार से अधिक महिलाएं प्रदेश के 60 लाख से अधिक गन्ना किसानों के साथ मिलकर कार्य कर रही हैं। वे लाभांश प्राप्त कर रही हैं। इसके माध्यम से वे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में योगदान भी दे रही हैं।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि आज यहां सहकारी गन्ना समितियों के भवनों का लोकार्पण भी किया गया है। यह भवन इन समितियों के कार्यों को व्यवस्थित बनाने के साथ ही, खाद तथा चीनी के गोदाम के रूप में भी प्रयोग किए जा सकते हैं। गन्ना विभाग ने पिछले 06 वर्षों में हर क्षेत्र में नया करके दिखाया है। इसका परिणाम है कि वर्ष 2007 से वर्ष 2017 के बीच कुल गन्ना मूल्य का भुगतान 01 लाख करोड़ के लगभग हुआ था। जबकि वर्ष 2017 से वर्ष 2023 के 06 वर्षों में गन्ना किसानों को 02 लाख 13 हजार 400 करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। अन्नदाता किसानों के खातों में डी0बी0टी0 के माध्यम से यह राशि चीनी मिल मालिकों द्वारा भेजी गई है। खाण्डसारी उद्योग में हुई अतिरिक्त गन्ना पेराई का नगद भुगतान किया गया है। एथेनॉल उत्पादन का भी अतिरिक्त मूल्य मिल रहा है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि राज्य सरकार ने चीनी मिलों द्वारा 14 दिनों में गन्ना मूल्य का भुगतान किए जाने की व्यवस्था की है। जबकि लगभग 100 चीनी मिलें एक सप्ताह से 10 दिनों के भीतर गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं, शेष चीनी मिलें भी धीरे-धीरे यह कार्य करने लगेंगी। हमारी सरकार ने 04 बन्द चीनी मिलों को चलाया है तथा इस दौरान 02 नई चीनी मिलें स्थापित की गई है। चौधरी चरण सिंह जी किसानों के मसीहा थे। उन्होंने छपरौली की चीनी मिल का पुनरुद्धार किए जाने की बात कही थी। पिछली सरकारों ने इस विषय में कोई कार्य नहीं किया। यह गर्व का विषय है कि हमारी सरकार ने छपरौली में नई चीनी मिल स्थापित की।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि बस्ती की मुण्डेरवा में चीनी मिल बन्द होने पर आन्दोलन हुआ था। हमारी सरकार ने वहां एक नई चीनी मिल की स्थापना की। यह अपनी पूरी क्षमता से चल रही है। यह चीनी मिलें किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने तथा विकास का प्रतीक बनी है। इससे अनेक लोगों को रोजगार मिला है तथा गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान हो रहा है। सरकार के प्रयास से बन्द चीनी मिलें चलायी जा रही हैं, जो लोगों के जीवन में परिवर्तन ला रही हैं। जब थोड़े से प्रयास से किसी के जीवन में परिवर्तन आता है, तो हमारा प्रयास सार्थक हो जाता है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से विगत 06 वर्षों में प्रदेश में लगभग 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई की सुविधा मिली है। इससे गन्ना खेती का दायरा बढ़ा है तथा गन्ना किसानों की संख्या 45 लाख से बढ़कर 60 लाख हुई है। न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ ही केन्द्र तथा राज्य की विभिन्न योजनाओं का लाभ किसानों को मिला है। खेती अब घाटे का सौदा नहीं है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि यहां बैठे किसान इस बात का प्रमाण हैं कि खेती-बाड़ी की दिशा में जिसने भी सार्थक प्रयास किया, उत्तर प्रदेश की धरती ने वहां सोना उगलने का काम किया है। इस दिशा में हमें और अच्छे प्रयास करने चाहिए। आपके खेत तथा खेती स्वयं में प्रयोगशाला है। आप मेहनत करते हैं, अतः आप ही तय कर सकते हैं कि खेती की दिशा क्या होनी चाहिए। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार अन्नदाता किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। किसी को भी अन्नदाता किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ करने और उनके विकास में बाधक बनने नहीं दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि उत्तर प्रदेश हर एक क्षेत्र में आगे बढ़ा है। सहफसली तथा तकनीक का प्रयोग कर किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाया जा सकता है। तकनीक का उपयोग आज की आवश्यकता है। तकनीक के उपयोग से ही किसानों को पर्ची की समस्या से मुक्ति मिली है। तकनीक के प्रयोग से घटतौली को रोका गया है। प्रधानमंत्री  ने ड्रिप सिंचाई पर ध्यान देने की बात कहीं है। जिन किसानों ने ड्रिप सिंचाई को अपनाया है, उनका उत्पादन भी बढ़ा है।
कई चीनी मिलें टिश्यू कल्चर के माध्यम से किसानों को अच्छा गन्ना बीज, समय से उपलब्ध करा रही हैं। ये खेती की उत्पादकता तथा गन्ना किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। जब सभी लोग मिलकर प्रयास करेंगे तो उसके अच्छे परिणाम अवश्य आएंगे। गन्ना विभाग के मंत्रीगण तथा अपर मुख्य सचिव ने किसानों के हितों को मजबूती के साथ आगे बढ़ाया है। यह कार्य आगे भी जारी रहने चाहिए।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि धरती माता की सेहत के साथ ही अन्नदाता किसानों की सेहत भी जुड़ी है। केमिकल, फर्टिलाइजर और पेस्टीसाइड का अधिक प्रयोग हमें चेतावनी दे रहा है। इसके बजाए यदि हम प्राकृतिक खेती की ओर जाएं, तो गो माता की रक्षा भी होगी, धरती माता की सेहत भी सुरक्षित रहेगी तथा समाज, देश तथा गन्ना किसानों का हित भी सुरक्षित होगा। भारत बड़ी आबादी का देश है। हमारे यहां जल संसाधन की कमी नहीं है, लेकिन उसका उचित नियोजन तथा सदुपयोग होना चाहिए। इस कार्य में सरकार आपके साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस माह अपर मुख्य सचिव  संजय आर0 भूसरेड्डी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने गन्ना विभाग में शानदार कार्य करते हुए गन्ना किसानों तथा चीनी मिलां के मध्य बेहतर सन्तुलन बनाकर रखा है। उन्होंने किसानों के शोषण को रोकने के लिए पूरी सख्ती के साथ कार्य किए। कोरोना काल में श्री भूसरेड्डी ने प्रदेश की 118 चीनी मिलों को चलाने का सार्थक कार्य किया। उन्होंने इसके लिए पूरी सप्लाई चेन तैयार की। राज्य सरकार ने कोविड काल में चीनी मिलों द्वारा सैनिटाइजर का उत्पादन कराया, जिसे प्रदेश के अस्पतालों, नगर निकायों तथा ग्राम पंचायतों को निःशुल्क दिया गया। इन चीनी मिलों द्वारा उत्पादित सैनिटाइजर को 27 राज्यों को भी उपलब्ध कराया गया। इन सभी में  भूसरेड्डी ने सराहनीय कार्य किया है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जी0डी0पी0 में गन्ना और चीनी का सम्मिलित योगदान लगभग 09 प्रतिशत है। आज जिन किसानों, चीनी मिलों के प्रतिनिधियों तथा महिला स्वयंसेवी सहायता समूहों के सदस्यों को सम्मानित किया गया है, उनका उत्तर प्रदेश की प्रगति में बड़ा योगदान है। यदि वे इसे और आगे बढ़ाने में अपना योगदान करेंगे, तो उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री जी के विजन को सार्थक बनाने में हमें सफलता प्राप्त होगी।
गन्ना तथा चीनी उद्योग मंत्री  लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में गन्ना विभाग ने नए आयाम स्थापित किए हैं। विगत 06 वर्षों में गन्ना किसानों की मेहनत से प्रदेश को चीनी उत्पादन में देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में कोविड काल में प्रदेश की चीनी मिलें चलती रहीं। नई चीनी मिलां की स्थापना हुई है।
इस अवसर पर राज्य गन्ना उत्पादक प्रतियोगिता के विजेता किसानों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के शासन में तथा गन्ना विभाग के सहयोग से उनके जीवन में खुशहाली आयी है। छोटे तथा मध्यम किसानों के हितों का संरक्षण हुआ है। मुख्यमंत्री  के नेतृत्व में प्रदेश में नई चीनी मिलों की स्थापना तथा पुरानी चीनी मिलों की पेराई क्षमता बढ़ायी गई है। गन्ना विभाग का डिजिटलीकरण किया गया है। यह एक क्रान्तिकारी कदम है। गन्ना माफियाओं की कमर तोड़ी गई है। तकनीक के प्रयोग से गन्ने की खेती में पानी की बचत हो रही है तथा मुख्यमंत्री  की प्रेरणा से हम किसान प्राकृतिक खेती की ओर प्रोत्साहित हुए हैं।
इस अवसर पर चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास राज्य मंत्री  संजय सिंह गंगवार, मुख्य सचिव  दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास  संजय आर0 भूसरेड्डी सहित गन्ना विभाग के अधिकारी, चीनी मिलों एवं सहकारी समितियों के प्रतिनिधि तथा किसान उपस्थित थे।


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