आज़मगढ़ के फूलपुर पवई विधान सभा के बारे में 2022 के चुनाव को.....
फूलपुर-पवई विधानसभा क्षेत्र के पिछले चुनाव में भाजपा के अरुण कांत यादव ने बसपा के अबुल कैश को 7321 मत से हरा दिया था इन दोनों के बीच शुरू से लेकर अंत तक कांटे की टक्कर हुई लेकिन अंतत: भाजपा का कमल आगे निकल गया। यहां से विधायक सपा के श्याम बहादुर यादव को इस बार तीसरे नंबर पर रहकर संतोष करना पड़ा था अरुण कांत यादव पूर्व बाहुबली सांसद रमाकांत यादव के बेटे है उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आगामी 2022 में अब ज़्यादा समय नही रह गया है यूपी में सत्ताधारी भाजपा अपनी जीत दर्ज करके देश में भाजपा की लहर बनाए रखना चाहती है वहीं समाजवादी पार्टी सत्ता पाने को बेताब दिख रही है, बहुजन समाज पार्टी अपने परंपरागत वोट बैंक के साथ चुनावी समीकरण साधने में लगी है कांग्रेस अपनी टूटी जड़ों को जमाने के लिए प्रियंका गांधी के भरोसे मैदान में उतर चुकी है । उत्तर प्रदेश की सियासत में पूर्वांचल बेहद खास समीकरण रखने वाला क्षेत्र माना जाता है हम बात कर रहे हैं पूर्वांचल के आजमगढ़ जिले के फूलपुर पवई विधानसभा से 1952 से लेकर 2017 के विधानसभा चुनाव में 8 बार कांग्रेस प्रत्याशियों को जीत मिली है। इस विधानसभा सीट पर अब तक सबसे ज्यादा यादव बिरादरी से विधायक चुनकर आए हैं 1980 में अब्दुल कलाम कांग्रेस से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे 1985 में रमाकांत यादव कांग्रेस से विधानसभा पहुंचने में सफल हुए 1989 में रमाकांत यादव बसपा से विधानसभा पहुंचे 1991 और 1993 में रमाकांत यादव सपा से विधानसभा गए 1996 में राम नरेश यादव कांग्रेस से विधानसभा पहुंचे 2002 में रामनरेश यादव फिर कांग्रेस से चुने गए 2007 में अरुण कांत यादव सपा से चुने गए 2012 में श्याम बहादुर यादव सपा से चुनकर विधानसभा पहुंचे जातीय समीकरण को देखें तो फूलपुर पवई में अनुसूचित जाति 53 हजार, यादव 75 हजार, मौर्या 6000, ठाकुर 9000, मल्लाह बिंद 26 हजार, मुसलमान 41 हजार, राजभर 2000, भूमिहार 1000, ब्राह्मण 12 हजार, वैश्य 6000, जबकि चौहान मतदाताओं की संख्या 8000 अनुमानित बताई जाती है फूलपुर पवई विधानसभा में 3 लाख 23 हजार मतदाता है, जिसमें महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 56 हजार है, जबकि पुरुष मतदाता 1 लाख 67 हजार हैआज हम बात करेंगे आजमगढ़ जिले के फूलपुर पवई विधानसभा क्षेत्र की। आइये हम आपको रूबरू कराते हैं, कुछ मशहूर चेहरे जो 2022 के चुनाव में मजबूत दावे पेश किये, है, जिसमें सबसे पहले अरुण कान्त यादव बीजेपी से वर्तमान समय मे विधायक है, जो पूर्व बाहुबली सांसद रमाकांत यादव के बेटे है, पूर्व सांसद अभी हाल ही में बीजेपी छोडकर सपा में शामिल हुए हैं, इस सीट पर काफी रशूक है, इस सीट से पूर्व सांसद चार बार विधायक, और आजमगढ़ से चार बार सांसद रह चुके है,।
सूत्रों की माने तो पूर्व सांसद इस सीट से दावेदार तो नही है फिर भी, सपा में आने से सियासी समीकरण बदलने के कयास लगाए जा रहे हैं, अगर सपा यहां से उन्हें प्रत्याशी बनाती है तो पिता-पुत्र में जंग होना तय है। इस सीट से सपा से पूर्व विधायक श्याम बहादुर यादव 2022 के लिये दावेदारी पेश कर चुके है, फूलपुर पवई विधानसभा सीट यादव बाहुल्य है, यही वजह है कि सपा इसे अपने खाते में लेने के लिए बेताब हैं,। जबकि अंदरखाने से जो खबर आ रही है जिसमें पूर्व बाहुबली सांसद के समर्थक, अपने एमपी साहब को लेकर काफी आशवस्त है वो हर जगह यही कहते नजर आ रहे कि,टिकट तो कन्फ़र्म है एमपी साहब को मिल चुका है, वहीं दूसरे तरफ पूर्व विधायक श्यामबहादुर यादव के समर्थक अपने नेता को टिकट के लिये पूरी तरह कन्फर्म मानकर चल रहे हैं, उनकी ये भी दलील है कि बिना आश्वासन के विधायक दो गाड़ी नही खरीदे है, उन्हें सपा सुप्रीमो का इशारा मिल चुका है टिकट पूर्व विधायक को ही मिलेगा, ये बाते रही दोनो के समर्थको का पर अभी तक कोई अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, अब देखना ये है कि फूलपुर पवई विधानसभा की जनता किसे जिता कर विधायक बनाती है, ये टकराव पिता पुत्र,या सपा भाजपा, या त्रिकोणीय मुकाबला होगा,ये आने वाले समय मे पता चलेगा ।।
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