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बाहुबली डीपी यादव विधायक महेन्द्र सिंह भाटी,के हत्याकांड से बा इज्जत बरी होने के बाद....

वर्चस्व की आज की कड़ी में कहानी एक ऐसे बाहुबली की जिसने गुनाहों की गली से होते हुए सियासत की हवेली तक का रास्ता तय किया. एक वक्त में रसूख ऐसा, कि सरकार बनाने और गिराने तक का माद्दा रखता था दूध बेचते बेचते शराब माफिया और फिर मंत्री बनने की कहानी हाल ही में अपने सियासी गुरु महेन्द्र सिंह भाटी के कत्ल के आरोपों में बरी हुआ है हालांकि बरी होने के साथ ही उस पर रंगदारी, अपहरण और फिरौती का नया केस भी दर्ज हो गया है ये और बात है कि पुलिस, अदालत, जेल और सियासत से तगड़ा नाता रखने वाले डीपी यादव के लिए ये कोई नई बात नहीं है पर सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें अमित शाह और डीपी यादव दोनो एक मंच पर मौजूद दिखे,जिससे लोगो को, कयास लगाना स्वाभाविक है कि क्या डीपी यादव बीजेपी में शामिल हो गये, है, आरपीडी के आज़मगढ़ जिला अध्यक्ष नारेंद्र यादव ने बताया कि, ये वीडियो 2004 की है उस समय हमारे नेता बीजेपी में शामिल हुए थे,पर कुछ राजनीतिक प्रतिद्वीणता के चलते उन्हें पार्टी छोड़ना पड़ा।
राष्ट्रीय परिवर्तन दल (आरपीडी) के राष्ट्रीय महासचिव सुभाष यादव के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष जी 2004 मे सपा में शामिल हुए थे, उस समय मुलायम सिंह यादव की कैबिनेट में मंत्री भी थे, सपा और बीजेपी दोनो पार्टियों को छोड़ने के बाद 2007 में आरपीडी का गठन हुआ था, 2022 के विधानसभा चुनाव में हमारा किसी बड़ी पार्टी से गठबंधन होगा, और हम मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगें,।
क्या इस समय जीत के लिए किसी भी दागी को पार्टी में शामिल करने से कोई गुरेज नही है, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में डीपी यादव की छबि एक दबंग बाहुबली की है, अब देखना ये है कि आखिर आरपीडी बीजेपी या सपा में से किसके साथ गठबंधन करेगी, ।।


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