हाईकोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में पूर्व बाहुबली सांसद को किया बरी, आइये देखते है कि......
बदायूं : महेंद्र भाटी हत्याकांड में बरी हुए डीपी यादव बुधवार को पूरे दिन जिले में रहे। इस दौरान उन्होंने कई नगरों में अपने कार्यालयों पर बैठकर चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने का संदेश दिया। कहा कि खुद चुनाव लड़ेंगे और परिवार व परिचितों को भी लड़ाएंगे।
पूर्व बाहुबली सांसद के बरी होने से जिले की कई सीटों पर राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। क्योंकि वह सहसवान से विधायक (2007-12) रह चुके हैं। तब वह अपनी पार्टी राष्ट्रीय परिवर्तन दल से जीते थे और जीत के बाद बसपा में शामिल हो गए थे। उनकी पत्नी उमलेश यादव भी तब बिसौली से विधायक थीं। मौजूदा में डीपी के भतीजे पूर्व एमएलसी जितेंद्र यादव की पत्नी वर्षा यादव बदायूं की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। लंबे समय से जिले में सक्रिय डीपी अपने व बेटे कुणाल के लिए राजनीतिक ठौर तलाश रहे हैं। जमानत के दौरान भी उनका ज्यादातर वक्त जिले में या नजदीक संभल के धनारी फार्म पर गुजरता था। हालांकि उस दौरान वह राजनीतिक कार्यक्रम में सहभागिता से बचते थे। उनके खुलकर चुनावी मैदान में आने पर सहसवान समेत दूसरी सीटों पर खासा असर पड़ेगा। सहसवान में पिछले चुनाव में उनकी पत्नी उमलेश यादव निर्दलीय प्रत्याशी होने के बाद भी भाजपा प्रत्याशी से दोगुने से ज्यादा वोट ले गई थीं।
बुधवार को बरी होने के बाद मीडिया को दिए बयान में डीपी यादव ने कहा कि भाटी हत्याकांड से उनका दूर-दूर तक कोई लेनादेना नहीं था। राजनीतिक दुर्भावना की वजह से उनका नाम घसीटा गया। अब हाईकोर्ट ने भी उन्हें बेदाग मान लिया है। कहा कि इस केस के अलावा फिलहाल कोई केस उन पर पेंडिंग नहीं है। इसलिए पूरी तरह बदलाव के साथ वापसी करेंगे। कहा कि खुद चुनाव लड़ सकते हैं और परिवार के लोगों को भी लड़ा सकते हैं। पार्टी की बात पर उनका कहना था कि यह बातें कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर तय करेंगे। जल्दी ही सब सामने आ जाएगा। आरपीडी के राष्ट्रीय महासचिव सुबास यादव ने बताया कि हम समान विचार वाले दल से गठबंधन ।।
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