मतदाता सूची में बीएलओ द्वारा की गई घोर लापरवाही पर डीएम खफा बीएलओ और पंचायत सहायकों पर गिरेगी गाज
आजमगढ़। विधान सभा चुनाव 2022 के लिए तैयार की गई मतदाता सूची में बीएलओ द्वारा घोर लापरवाही की गई। जिसके चलते बड़े पैमाने पर वोटर मतदान करने से वंचित रह गए। इसके अलावा सात मार्च के दिन मतगणना के समय चुनाव कंट्रोल रुम में लगाए गए पंचायत सहायक अकारण ही हंगामा करने लगे। डीएम ने इन दोनों मामलों की अलग-अलग अधिकारियों को जांच सौंपी है। साथ ही चुनाव संपन्न कराने के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है।
विधान सभा चुनाव 2022 के लिए सात मार्च को मतदान संपन्न हुआ। वोटिंग के समय निजामाबाद तहसील क्षेत्र के राजापुर सिकरौर गांव के करीब चार दर्जन से अधिक मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से गायब था। जिसकी वजह से यह लोग बगैर वोट दिए ही लौट गए। यही स्थित सदर तहसील के रानी की सराय में, सगड़ी तहसील क्षेत्र के लाटघाट क्षेत्र में भी करीब दर्जनों वोटरों का नाम लिस्ट में न होने से मतदान करने से सभी वंचित रह गए। इन वोटरों के मतदान न करने से मतदान करने का प्रतिशत भी उतने स्तर पर नहीं पहुंच सका, जिसकी कल्पना की गई थी। जिस पर डीएम काफी नाराज हैं। क्योंकि मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए डीएम एड़ीचोटी का जोर लगाए हुए थे। इसके अलावा चुनाव कार्य को शांति पूर्वक संपन्न कराने के लिए बड़े पैमाने पर चुनाव कंट्रोल रुम में पंचायत सहायकों की ड्यूटी लगाई गई थी। यह लोग दो माह तक लगातार काम किए। इन सभी को चुनाव आयोग से मानदेय दिलाने की बात कही गई थी। बावजूद इसके सात मार्च को कंट्रोल रुप में लगाए गए पंचायत सहायक हंगामा करने लगे। जिससे पंचायत जैसा महत्वपूर्ण कार्य में व्यवधान उत्पन्न हुआ।
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