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उप्र में जीएसटी का खेल, सरकार के डकार गए 135 करोड़, मास्टरमाइंड समेत 7 गिरफ्तार


मुजफ्फरनगर। जिले में फर्जी कंपनियां बनाकर 925 करोड़ के फर्जी बिल काटकर 135 करोड़ की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है। साइबर थाना पुलिस ने गिरोह के मास्टर माइंड समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरोह पांच साल से जीएसटी चोरी का काम कर रहा था। गिरोह हवाला के माध्यम से जीएसटी चोरी की रकम लेता था। अभी गिरोह का एक आरोपी फरार चल रहा है।पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता करते हुए एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि रतनपुरी थाने में 248 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का मामला दर्ज कराया गया था। एसपी देहात आदित्य बंसल की मॉनिटरिंग में साइबर क्राइम थाना प्रभारी सुल्तान सिंह की टीम जांच पड़ताल कर रही थी। मंगलवार को टीम ने जीएसटी चोरी करने वाले गिरोह में शामिल सात आरोपी तसलीम व जुनैद निवासी गांव भनवाड़ा थाना रतनपुरी, आस मोहम्मद निवासी गीतापुरी भूड़ कस्बा खतौली, सेठी निवासी मोहल्ला पश्चिमी पछाला थाना बुढ़ाना, आसिफ, मोइन व अजीम निवासी कस्बा बुढ़ाना को गिरफ्तार किया है।

वहीं वहादत निवासी भनवाड़ा फरार है। गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस ने 8 मोबाइल, 20 सिम कार्ड, दो पैन कार्ड, पांच आधार कार्ड व करोड़ों रुपए के फर्जी जीएसटी बिल के आदान प्रदान के स्क्रीन शॉट बरामद किए हैं। एसएसपी ने बतया कि यह गिरोह फर्जी कंपनी तैयार कर 925 करोड की बिलिंग कर 135 करोड़ की जीएसटी चोरी कर चुका है।गिरोह ने अभी तक बनाईं 48 फर्जी कंपनियांएसएसपी अभिषेक ने बताया कि गिरोह पिछले पांच साल में 48 फर्जी कंपनियां बनाकर देश में 925 करोड़ की बिलिंग कर 135 करोड़ की जीएसटी चोरी कर चुका है। फर्जी कंपनी बनाने के लिए यह गिरोह युवकों को नौकरी का लालच देकर उनसे आधार, पैन, वोटर व बिजली के बिला लेता है। इसके बाद गिरोह में शामिल बीटेक पास आरोपी अजीम युवकों की फर्जी केवाईसी तैयार कर उनके नाम से जीएसटी में फर्म पंजीकृत करा लेता। इसके बाद यह गिरोह पूरे देश में स्क्रैप और कबाड़ का काम करने वाले ऐसे व्यापारियों की तलाश करता है जिनके पास जीएसटी नंबर नहीं होता था। ऐसे कारोबारियों को अपनी कंपनी का बिल देकर जीएसटी चोरी करते हैं।

एसएसपी ने बताया कि यह गिरोह कमीशन के रुपये कंपनी के खाते में न लेकर हवाला के माध्यम से लेता है। इसमें सेठी की अहम भूमिका रहती है। दिसंबर 2023 से लेकर सितंबर तक यह गिरोह हवाला के माध्यम से 1 करोड़ 90 लाख रुपये ले चुका है। गिरफ्तार आरोपी सेठी के मोबाइल से पुलिस को पूरे साक्ष्य मिले है। गिरफ्तार आरोपी अजीम विदेशी आनलाइन गेमिंग कंपनियों से भी जुड़ा हुआ है।दिल्ली के साबिर से सीखा था फर्जी जीएसटी कामएसएसपी ने बताया कि गिरोह के मास्टर माइंड तसलीम ने पूछताछ में बताया कि उसने फर्जी बिल बनाने का काम अपने गुरु साबिर मलिक निवासी दिल्ली, अंकित, अनुभव व शिवम निवासी नोएडा से सीखा था। 

इसके बाद तसलीम ने फर्जीवाडे में अपने अन्य साथियों को जोड़ लिया और जीएसटी चोरी का अवैध काम शुरू कर दिया। उसने पूछताछ में बताया कि साबिर व उसके साथी भी जीएसटी चोरी का कार्य कर रहे हैं। अन्य प्रदेशों के फर्जी जीएसटी बिल की जरूरत साबिर व उसके साथियों को पड़ती है तो ये उन्हें उपलब्ध करा देते हैं। इसी प्रकार साबिर व उसके साथी भी पकड़े गए गिरोह की मदद करता है। इस काम में अधिकतर पैसा हवाला के जरिए लिया जाता है। गिरफ्तार आरोपी सेठी के मोबाइल से भारतीय करेंसी का फोटो भेजकर उसके नीचे धनराशि लिखकर हवाला से पैसा लेते हैं। एसएसपी ने बताया कि जीएसटी चोरी करने वाले गिरोह के तार देशभर में फैले हुए हैं। जिस किसी प्रदेश में जीएसटी चोरी के लिए फर्जी बिल चाहिए होते है तो यह गिरोह उपलब्ध करा देता है। उन्होंने बताया कि पूरे गिरोह को तोड़ने के लिए दिल्ली में काम करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम को लगा दिया गया है। फर्जीवाड़े के संबंध में दिल्ली व नोएडा पुलिस से भी संपर्क किया गया है। पुलिस 48 फर्जी कंपनियों के संबंध जीएसटी विभाग से जानकारी साझा कर आगे की कार्रवाई करेगी। गिरफ्तार आरोपियों के बैंक खातों को भी खंगाला जा रहा है।


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