पहली बार लखनऊ में पुलिस के हत्थे चढ़े फर्जी विधायक एंव फर्जी पुलिस कर्मी
• फर्जी, पुलिस, दरोगा, वकील, एसडीएम, डीएम, एसपी, आदि तो फर्जी पकड़े गये सुने होगें, पर इस बार पकड़ा गया फर्जी विधायक और एक फर्जी पुलिस कर्मी
लखनऊ। पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के थाना चिनहट पुलिस टीम डीसीपी पूर्वी क्राइम टीम व साइबर सेल लखनऊ की संयुक्त टीम द्वारा फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर चार पहिया वाहन से नीली बत्ती लगाकर किसान व आम जनता के सामने अपना प्रभाव जमा कर, फर्जी तरीके से धन उगाई करने व धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के दो अभियुक्त शैलेंद्र कुमार व रविन्द्र कुमार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को अहिमामऊ पुल से गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से एक सफेद इनोवा UP50AU00002 (जिसमें नीली बत्ती लगी हुई थी और पीछे पुलिस लिखा हुआ था), एक फॉर्च्यूनर गाड़ी सफेद रंग UP32FB3737 (जिस पर विधायक लिखा हुआ था और भाजपा का झंडा लगा था), 6 मोबाइल फोन (जिसमें सीयूजी सीरियल के नंबर थे और ट्रूकॉलर पर एडीजी जोन लिखकर आता था), एक पीकैप, एक बैरेट कैप, 80000 रुपए नगद, पांच एटीएम कार्ड (अलग-अलग बैंकों के), पांच ब्लैंक चेक (अलग-अलग बैंकों के), दो वॉकी-टॉकी व 33 गड्डी भारतीय रिजर्व बैंक (चिल्ड्रन बैंक 2000 के नोट, जिस पर बैंक ऑफ़ बड़ौदा की पर्ची लगी हुई थी) बरामद किया गया।
बरामद करने वाली पुलिस टीम में
थाना प्रभारी चिनहट बृजेश कुमार तिवारी, उप निरीक्षक अरविंद द्विवेदी, उप निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार, उप निरीक्षक संदीप सिंह गौर, महेंद्र यादव, कुलवंत कुमार व अरविंद सिंह शामिल थे।
वहीं साइबर सेल डीसीपी क्राइम टीम से
निरीक्षक सतीश चंद्र साहू (साइबर सेल), फिरोज बदर (साइबर सेल), मनोज कुमार सिंह (डीसीपी क्राइम टीम), परशुराम राय (डीसीपी क्राइम टीम), रिंकू कुमार (डीसीपी क्राइम टीम), हरिशंकर किशोर (डीसीपी क्राइम टीम), राहुल पांडे (डीसीपी क्राइम टीम), विशाल कुमार (डीसीपी क्राइम टीम), अजय तेवतिया (डीसीपी क्राइम टीम), हितेश कुमार (डीसीपी क्राइम टीम), सचिन कुमार (डीसीपी क्राइम टीम) व जेपी यादव (साइबर सेल) शामिल थे।
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